पटना में स्थित बड़े निजी अस्पताल पारस एचएमआई के खिलाफ केंद्र सरकार ने एक्शन लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पारस अस्पताल के इम्पैनलमेंट को अगले 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है।
केंद्र ने सीजीएचएस पैनल से इस अस्पताल को बाहर निकाल दिया है। अगले 6 महीने तक पारस अस्पताल में केंद्र सरकार की योजना के तहत मरीजों का इलाज नहीं हो सकेगा। केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के अपर निदेशक कार्यालय की ओर से बीते शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी किया गया।
पटना स्थित सीजीएचएस के अपर निदेशक ठाकुर अभय कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उनके द्वारा जारी आदेश के मुताबिक सीजीएचएस के तहत पटना के पारस अस्पताल में अगले 6 महीने तक इलाज नहीं हो पाएगा। उन्होंने अस्पताल को आदेश दिया है कि इस योजना के तहत इलाज के लिए भर्ती सभी मरीजों को 7 दिन के भीतर डिस्चार्ज किया जाए। 7 दिन के बाद सरकारी योजना के तहत जारी हुए बिल जांच के घेरे में आ जाएगा। सीजीएचएस के तहत केंद्रीय कर्मचारी, पेंशनभोगी और उनके परिवार के सदस्य लाभार्थी हैं।
बता दें कि पारस अस्पताल पटना का सबसे मशहूर निजी अस्पताल है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत कई बड़े नेता भी यहां इलाज करा चुके हैं। मगर यह अस्पताल कई बार विवादों में भी रह चुका है। पिछले साल मई महीने में सीबीआई ने पारस अस्पताल में एक फर्जी डिग्रियां लेकर काम कर रहे डॉक्टर का भंडाफोड़ किया था। आरोपी फर्जी डॉक्टर तीन साल तक इमरजेंसी में मरीजों का इलाज कर रहा था।