छपरा, सारण
काशी विश्वविद्यालय के पंचांग के अनुसार 24 मार्च यानी रविवार को व्रत पूर्णिमा होगी और रात्रि 10:27 बजे भद्रा के बाद होलिका दहन किया जाएगा। आचार्य सुकेश त्रिवेदी के अनुसार 25 मार्च सोमवार को स्नान-दान पूर्णिमा और काशी में होली होगी। 26 मार्च मंगलवार को प्रतिपदा में काशी को छोड़ अन्य स्थानों पर होली का त्योहार मनाया जाएगा। आचार्य श्री त्रिवेदी के अनुसार होली का पर्व दो भागों में विभक्त है। फाल्गुन शुक्लपक्ष पूर्णिमा को सायंकाल के बाद भद्रा रहित शुभ मुहूर्त में होलिका पूजन व होलिका दहन तथा चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को रंग- गुलाल आदि से होलिकोत्सव मनाने का विधान है। 24 मार्च रविवार को पूर्णिमा तिथि दिन में 09:23 बजे से हो रही है एवं भद्रा रात्रि 10:27 बजे समाप्त हो रही है। होलिकादहन के तीन धर्मशास्त्रीय नियम हैं- फाल्गुन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि हो, रात्रि का समय हो तथा भद्रा बीत चुकी हो। अतः होलिका दहन की शास्त्रीय मान्यताओं का अनुपालन करते हुए 24 मार्च रविवार को रात्रि 10:28 बजे के बाद होलिका दहन का मुहूर्त बन रहा है। अगले दिन अर्थात 25 मार्च सोमवार को उदया तिथि पूर्णिमा है, इस दिन पूर्णिमा तिथि दिन में 11:31 बजे तक रहेगी। इसके बाद चैत्र कृष्णपक्ष की प्रतिपदा (एकम) तिथि प्रारंभ होकर 26 मार्च मंगलवार को दिन में 01:26 बजे तक रहेगी। इसलिए शास्त्रीय मत को मानते हुए चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तदनुसार 26 मार्च मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ रंगोत्सव का पर्व मनाना सर्वथा उचित है।