* नव निर्मित मंदिर में देवी के मूर्ति का हुआ प्राण प्रतिष्ठा
* बलि प्रथा बंद कर वैष्णव पूजा प्रारम्भ
छपरा, सारण
तरैया प्रखंड के गवन्द्री तख्त गांव स्थित माँ भगवती मंदिर परिसर में गुरुवार को शारदीय नवरात्र के पंचमी तिथि को 24 घंटे का सार्वजनिक अखंड अष्टयाम प्रारंभ हुआ। इस दौरान नव निर्मित मंदिर में शिक्षक सह आचार्य चंद्रकेत नारायण सिंह द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच देवी के मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा किया गया। पूजा के दौरान यह संकल्प लिया गया कि अब इस मंदिर में बलि प्रथा बंद कर वैष्णव पूजा किया जाएगा।
इसके पूर्व भव्य कलश यात्रा सह शोभायात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा यज्ञ स्थल से निकलकर एसएच 73 को पार कर गवन्द्री गांव स्थित ब्रह्म स्थान सह डबरा नदी घाट तक गई जहां सैकड़ों महिलाओं ने जलभरी की। कलश यात्रा सह शोभा यात्रा में 551 युवतियां व महिलाएं रंग-बिरंगे परिधान में कलश के साथ शामिल हुई। गाजा बाजा, घोड़े व डीजे की धुन पर लोग जय श्री राम, जय माता दी का जयकारा लगाते चल रहे थे।
कलश यात्रा के बाद आचार्य मनपुजन त्रिवेदी के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच राम नाम संकीर्तन प्रारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में क्षेत्र की दर्जनों गायन मंडलियां और दर्जनों जनप्रतिनिधि शामिल हुए। मुख्य यजमान नागेंद्र सिंह सपत्नीक शामिल हुए। कलश यात्रा मुख्य रूप से अवकाश प्राप्त प्रधानाध्यापक परशुराम सिंह, मुकेश कुमार सिंह, डॉ उदयगिरी पंडित, सुभाष सिंह, रामदेव सिंह, अमरेंद्र सिंह, संतोष दास, मनोकामना सिंह, चंदेश्वर भगत, पूर्व मुखिया संजीव कुमार सिंह, पूर्व बीडीसी सदस्य डॉ मनोज कुमार पंडित, पूर्व मुखिया मनोज सिंह कुशवाहा, रामाधीन सिंह, अशोक सिंह, दिनेश सिंह, यशवंत कुमार सिंह, वार्ड सदस्य सुजीत कुमार, माधव सिंह, सुरेश गुप्ता, विकेश कुमार, आलोक कुमार सिंह अमीन, शिक्षक जयश्री कुमार सिंह, बीडीसी प्रतिनिधि सुनील कुमार राय, अनिल सिंह कुशवाहा, अनूप कुमार सिंह, डॉ सुरेश सिंह, राजेश्वर सिंह, पंकज सिंह, इंद्रजीत साह, नवल किशोर साह समेत पंचायत के सैकड़ों लोग सम्मिलित हुए। कलश यात्रा के उपरांत अखंड अष्टयाम प्रारंभ हुआ।
बता दें इस नए मंदिर परिसर में अब बलि प्रथा बंद कर वैष्णव पूजा किया जाएगा। इस के लिए सार्वजनिक तौर पर निर्णय लेकर बलि प्रथा को बंद किया गया और नए मंदिर परिसर में देवी के प्राण प्रतिष्ठा के बाद वैष्णव पूजा की परंपरा प्रारम्भ किया गया। ग्रामीणों का यह निर्णय क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।