
बिहार के मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी तक पुलिस कर्मियों को थानों तक न्याय की आश में आने वाले फरियादियों के हित में कार्य करने के निर्देश देते रहते हैं।
सारण जिले की पुलिस अपना फर्ज किस तरह से निभाती है वो आप अंदाजा लगा सकते हैं।
सारण मशरक
सारण जिले के मशरक थाने में एक फरियादी को अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंचना महंगा पड़ गया। न्याय की उम्मीद लिए थाने पहुंचे फरियादी को पुलिस ने बंधक बनाकर पीटा। पुलिस ने फरियादी को इस कदर पिटाई किया कि फरियादी घायल हो गया। फरियादी की गलती इतनी ही थी कि उसने अपनी पीड़ा पुलिस को बताई।
घायल फरियादी को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मशरक में भर्ती कराया गया।
घायल फरियादी मशरक थाना क्षेत्र के शेखपुरा गांव निवासी संजीत कुमार पिता सतन मांझी ने बताया कि उसके पड़ोसी से जमीनी विवाद चल रहा है उसी में मकान निर्माण में विवाद हुआ और पड़ोसी के द्वारा मारपीट की गई जिसमें पड़ोसी के द्वारा थाना पुलिस को आवेदन दिया गया पर जब वह इलाज करा अपने बड़े भाई के साथ थाना परिसर पहुंच आवेदन दिया तों उनके द्वारा डरा धमका कर गाली गलौज की जानें लगीं जिसका हम अपने मोबाईल में विडियो बनानें लगें जिस पर उनके द्वारा गाली गलौज करतें हुए हमें पकड़ लिया गया वही मेरा भाई भाग गया।
वही उसे तीन चार पुलिस जवानों की मदद से डंडे से जमकर पीटा गया जिसमें वह घायल हो गया वही उसके द्वारा गाली गलौज का बनाया गया विडियो मोबाइल फोन फार्मेट कर डिलीट कर दिया गया और सादे कागज पर हस्ताक्षर करा छोड़ दिया गया।
वही घायल फरियादी के बड़े भाई ने आरोप लगाया कि उसका पड़ोसी दबंग प्रवृति का व्यक्ति हैं और वह मशरक बीडीओ का चालक हैं जिसकी वजह से उसका मुखिया से लेकर पुलिस तक पहुंच हैं उसी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर उसके छोटे भाई को जमकर पिटवाया और सादे कागज पर हस्ताक्षर करा छोड़ दिया गया।