
तरैया, सारण।
सारण जिला के उतरी क्षेत्र में जहरीली शराब महामारी का रूप धारण कर लिया है। एक के बाद एक लगातार लोग असमय काल के गाल में समाते जा रहे हैं बावजूद इसके लोग इसका सेवन करते जा रहे हैं। शराब,आज के तारीख में अपनी अहमियत इतनी बढ़ा ली है कि कुछ लोगों के लिए यह भोजन और यहां तक कि पानी से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो चुका है।सबसे बड़ी बात है कि एक कम पढ़ा -लिखा मजदूर व्यक्ति यदि इस तरह की आदतों को शुमार करता है तो उसकी भूल हो सकती है। लेकिन उन लोगों के बारे में क्या कहा जाय जो बड़ी -बड़ी डिग्रियां और उच्च शिक्षा हासिल किए है, उनके जीवन में तो शराब उनके एक वक्त भोजन समान हो गया है। उक्त बातें सामाजसेवी सह माध्यमिक शिक्षक नेता अर्जुन युवराज ने कही। उन्होंने आगे कहा कि शराबबंदी सरकार का जन कल्याणकारी फैसला है जिससे बिहार के आधी आबादी समेत 80 प्रतिशत लोग खुश है। सरकार के द्वारा इतना जागरूक करने के बाद भी गैरकानूनी तरीके से जहरीली शराब सेवन कर लोग मौत को गले लगा रहे हैं।सारण जिला के उतरी क्षेत्र में जहरीली शराब महामारी का रूप धारण कर लिया है जिससे मौत का सिलसिला थमने का नाम ही नही ले रहा है। शराब का सेवन किसी भी दृष्टिकोण से लाभदायक नहीं होता है। इसका सेवन सिर्फ शरीर को खोखला नहीं बनाती है बल्कि मानसिक संतुलन को भी बिगाड़ती है। उन्होंने नौजवानों व सामाजिक कार्यकर्ताओं से अपील की है की यह केवल सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है बल्कि खुद हमारी और समाज की भी है। उन्होंने कहा कि लोगों को शराब का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित किया जाये जिससे समाज में बदलाव आ सके और समाज कलंकित न हो सके।