
बिहार डेक्स :- भोजपुर पुलिस ने सीटीईटी परीक्षा पास कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से धोखाधड़ी करने वाले एक अंतरजिला गैंग का राजफाश किया है। साथ ही गैंग से जुड़े चार आरोपितों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पकड़े गए आरोपितों के पास से साक्ष्य के तौर पर 20 हजार नकद , कुछ अभ्यर्थियों का शैक्षणिक प्रमाण पत्र, चार मोबाइल सेट से लेकर व्हाट्सऐप चैटिंग में परीक्षा का प्रवेश पत्र जब्त किया गया है। इसे लेकर टाउन थाना इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने प्राथमिकी दर्ज की है।
इन लोगों को किया गया गिरफ्तार।
इसमें गैंग के मुख्य सरगना भागलपुर के मनीष कुमार समेत पांच को नामजद आरोपित किया गया है। पुलिस ने भोजपुर के चांदी थाना के नरबीरपुर गांव निवासी संदीप कुमार, चांदी वार्ड नौ निवासी पंकज कुमार, सारण जिले के ईशुवापुर थाना के अगौथर नंदा गांव निवासी उदय ओझा तथा सिवान जिले के भगवानपुर हाट थाना के मीरजुमला वार्ड 10 निवासी शंकर साह को गिरफ्तार किया है।
प्राथमिकी में सुनियोजित तरीके से परीक्षार्थियों को प्रलोभन देकर फंसाने , उनके साथ धोखाधड़ी एवं जालसाजी कर पैसा वसूलने का आरोप लगाया गया है। गौरतलब है कि विगत 20 अगस्त को केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से आरा में 23 केन्द्र पर शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी।
गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी
टाउन थाना पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि धनपुरा स्थित बगीचा के पास कुछ लोग बाहर से आए हुए हैं और संपन्न हुए सीटीईटी परीक्षा में पास कराने को लेकर अभ्यर्थियों से शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र एवं प्रवेश पत्र की कॉपी ले रहे है। पुलिस को यह भी पता चला कि आरोपी रिजल्ट के बाद पैसा लेने की बात बोल रहे थे। सूचना के आधार पर बगीचा में छापेमारी कर चारों संदीप , पंकज , उदय एवं शंकर को पुलिस ने धर दबोचा। तलाशी लिए जाने पर एक के थैला से कुछ अभ्यर्थियों का शैक्षणिक प्रमाण पत्र मिला।
इसके अलावा चारों के पास से बीस हजार नकद , मोबाइल जब्त किया गया। इस दौरान मोबाइल का व्हाट्सऐप चैट निकालकर देखा गया तो पाया गया कि परीक्षा का पेपर एवं प्रवेश पत्र है।
शैक्षणिक प्रमाण पत्र बनाया था बंधक
इधर,पकड़े गए आरोपितों ने पूछताछ किए जाने पर पुलिस को बताए कि वे परीक्षा में पास कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से ठगी करने का काम करते है। वे लोग अभ्यर्थियों से बोलते थे कि उनका शैक्षणिक प्रमाण पत्र उनके पास बंधक रहेगा। परीक्षा का परिणाम आने एवं चयनित होने के बाद पैसा मिलने पर ही शैक्षणिक प्रमाण पत्र वापस किया जाता है। पूछताछ किए जाने पर शंकर साह ने बताया कि गिरोह का मुख्य सरगना भागलपुर जिले का मनीष कुमार है।
पुलिस को उसका माेबाइल नंबर भी मिला है। पुलिस ने शंकर साह , उदय ओझा एवं पंकज कुमार के व्हाट्सऐप चैट को प्रिंट कराकर साक्ष्य के तौर पर रखा है। जब्ती सूची भी बनाई गई है।