
सारण। पूर्व सांसद एवं क्षेत्र के दिग्गज नेता प्रभुनाथ सिंह की रिहाई की मांग को लेकर रविवार को सारण जिले के परसा में राजपूत समाज की ओर से एक विशाल पैदल मार्च का आयोजन किया गया। इस पैदल मार्च में परसा के साथ-साथ मकेर, दरियापुर, अमनौर, सोनपुर, डोरीगंज समेत कई प्रखंडों और आस-पास के गांवों से लोग भारी संख्या में पहुंचे। इसमें न सिर्फ युवा और बुजुर्ग बल्कि महिलाएं और बच्चे भी शामिल हुए, जिससे यह मार्च जनसमर्थन का बड़ा प्रदर्शन बन गया।
मार्च की शुरुआत परसा हाइस्कूल चौक से हुई। निर्धारित समय से पहले ही चौक पर लोगों की भीड़ जुटने लगी थी। चारों ओर प्रभुनाथ सिंह के समर्थन में बैनर, पोस्टर, झंडे और तख्तियां लहराते नजर आ रहे थे। सुबह 10 बजे के करीब नारेबाजी करते हुए जुलूस दरोगा राय चौक, मुख्य बाजार सड़क से होता हुआ पोझी चौक की ओर बढ़ा। पूरे रास्ते “जेल का फाटक टूटेगा, प्रभुनाथ सिंह छूटेगा”, “रिहा करो, नहीं तो वोट नहीं” और “राजपूत समाज एकजुट है” जैसे नारे लगातार गूंजते रहे।
मार्च में शामिल नेताओं और वक्ताओं ने कहा कि प्रभुनाथ सिंह को एक सुनियोजित राजनीतिक षड्यंत्र के तहत जेल में रखा गया है। उनके अनुसार, सांसद रहते हुए सिंह ने क्षेत्र के विकास, सड़क निर्माण, शिक्षा और रोजगार जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उनका मानना है कि एक लोकप्रिय जनप्रतिनिधि को साजिश के तहत राजनीतिक रूप से हाशिये पर डालने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे समाज किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा।
राजपूत समाज के प्रमुख नेता राकेश सिंह ने कहा, “यह पैदल मार्च सरकार को चेतावनी है कि प्रभुनाथ सिंह के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ हम एकजुट हैं। हमारे साथ अन्य समाजों का भी समर्थन जुड़ रहा है।” वहीं, तूफान सिंह ने साफ चेतावनी दी कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आंदोलन को राज्य स्तर पर व्यापक रूप दिया जाएगा, जिसमें सड़क जाम, धरना और राजधानी मार्च जैसे कार्यक्रम शामिल हो सकते हैं।
मार्च में राकेश सिंह, पप्पू सिंह, अमित सिंह, ब्रजेश सिंह, चंदन सिंह, ललन सिंह, तूफान सिंह, उमेश सिंह, गाया सिंह, सुमित सिंह, प्रमोद सिंह, बिनोद सिंह, सुरेश सिंह, जितेंद्र सिंह, रविंद्र सिंह, नीतीश कुमार गुड्डू, कर्मबीर सिंह, विवेक सिंह, राज मोहन निपेंद्र सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे। कई सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय संगठन भी समर्थन में आगे आए।
मार्च के समापन पर पोझी चौक पर सभा आयोजित की गई, जहां वक्ताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह केवल एक शुरुआत है। यदि प्रभुनाथ सिंह की रिहाई नहीं हुई तो यह आंदोलन गांव-गांव और प्रखंड-प्रखंड में फैलाया जाएगा।
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस पैदल मार्च ने परसा बाजार और आस-पास के क्षेत्रों में राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा जिले की राजनीति में बड़ा केंद्र बिंदु बन सकता है।