सारण, छपरा।
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज समाधान यात्रा के क्रम में सारण जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। छपरा के प्रेक्षागृह सह आर्ट गैलरी में आयोजित इस कार्यक्रम में 200 से अधिक की संख्या में जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम में जीविका समूह के माध्यम से कार्य करने वाली 7 जीविका दीदियों ने अपने-अपने अनुभव मुख्यमंत्री के समक्ष साझा किये। सभी जीविका दीदियों ने जीविका समूह से जुड़ने के बाद अपने जीवन स्तर में हुए बदलाव की चर्चा की।
मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान जीविका दीदी श्रीमती स्मिता देवी ने बताया कि वर्ष 2007 में मैंने सिलाई की ट्रेनिंग पूरी की थी लेकिन मेरे पास पैसे नहीं थे कि मैं सिलाई मशीन खरीद सकूं। वर्ष 2017 में जब जीविका समूह से जुड़ी तो मैंने 5 हजार रुपये लोन लेकर सिलाई मशीन खरीदी। सिर्फ पैसे के अभाव में वर्ष 2007 से वर्ष 2017 तक मैं बेरोजगार रही। इस आमदनी से मैंने 2 और सिलाई मशीनें खरीदी। साथ-साथ मैं ट्रेनिंग सेंटर भी चलाती हूं जिसमें कई लड़कियां आकर सीखती हैं। जीविका समूह से जुड़ने के बाद मुझे न सिर्फ रोजगार मिला बल्कि सिलाई मशीन से अब प्रतिमाह 10 से 12 हजार रुपये मासिक आमदनी हो रही है। मुख्यमंत्री जी ने शराबबंदी लागू कर बहुत अच्छा काम किया है। मैं मुख्यमंत्री जी को तहेदिल से धन्यवाद देती हूं कि जीविका से न सिर्फ हम महिलाओं की आर्थिक उन्नति हुई है बल्कि मानसिक स्थिति भी मजबूत हुई है। उसी का परिणाम है कि हमलोग आज इतने बड़े-बड़े लोगों के साथ अपनी बातें रख पा रहे हैं। हमलोगों की समाज में इज्जत प्रतिष्ठा बढ़ी है। यह सिर्फ आपकी बदौलत हुआ है मुख्यमंत्री जी ।
जीविका दीदी श्रीमती वासपती कुंवर ने कहा कि दारू जिंदगी को बर्बाद कर देती है। आपने शराबबंदी लागू की और आपके आशीर्वाद से अब हमलोगों की जिंदगी आबाद हो गई है। जीविका से जुड़ने के बाद 50 से 55 हजार रुपये लोन लेकर हमने अपना व्यवसाय शुरू किया जिससे 10 से 15 हजार रुपये की मासिक आमदनी हो रही है। हमने जीविका स्टॉल भी लगाया था आपसे निवेदन है मुख्यमंत्री जी कि फिर से शराब चालू मत कीजिएगा । शराबबंदी से समाज में खुशहाली है। अंत में जीविका दीदी ने शराबबंदी पर आधारित एक गीत भी सुनाया।
जीविका दीदी श्रीमती फरजाना परवीन ने बताया कि मैं और मेरे पति पहले लुधियाना में रहकर काम करते थे, बीच में हम अपने घर बिहार वापस आ गए। यहां आने के बाद जीविका समूह से जुड़े। लॉकडाउन के बाद मेरे पति को लुधियाना से यहां वापस आना पड़ा। जीविका समूह से हमने 80 हजार रुपये लोन लिया और मशीन खरीदी और स्वेटर बुनाई का कार्य शुरू किया। सोनपुर के मेले में भी हमने अपने स्वेटर का स्टॉल लगाया था। अभी हमने गांधी मैदान में सरस मेला में भी स्टॉल लगाया था। हमारे ग्रुप से 10 महिला जुड़ी हुई हैं। सालाना साढ़े तीन लाख रुपये का सेल हो जाता है। हमलोगों की अच्छी आमदनी हो रही है।
हमलोग मुख्यमंत्री जी का आभार प्रकट करते हैं। जीविका से जुड़ने के बाद हमलोगों को न सिर्फ आर्थिक सहायता मिली है बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा भी मिली है।
जीविका दीदी श्रीमती रानी गुप्ता ने बताया कि जीविका समूह से जुड़ने के बाद मेरे जीवन में काफी बदलाव आया है। मैं पहले बैंक मित्र बनी और जीविका दीदियों का बचत खाता और लोन खाता खुलवाई। समूह से 50 हजार रुपये लोन लिया। मेरे पति भाड़े पर ऑटो चलाते थे, जो पैसा लोन लिया उससे फाइनेंस कंपनी से एक ऑटो खरीदा जिससे हमारी आमदनी अच्छी होने लगी। इसके दो साल बाद हम बैंक सखी बने। मेरे ग्राहक सेवा केंद्र पर जीविका दीदी खाता संचालन के लिए आती हैं। गर्भवती महिलाओं और दिव्यांग महिलाओं को जरूरत पड़ता है तो हम उनका पैसा निकाल देते हैं और उनके घर पहुंचा देते हैं। मुख्यमंत्री जी को बहुत-बहुत बधाई देते हैं कि आपके चलते हमारा परिवार खुशहाल है। जीविका दीदियां आगे बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री जी ऐसी ही योजना चलाते रहें ताकि हम महिलाओं का विकास होता रहे और समाज भी आगे बढ़ता रहे।
जीविका दीदी श्रीमती पुतुल कुमारी ने बताया कि वर्ष 2019 से हम जीविका समूह से जुड़े। मेरे पति मार्केटिंग लाइन में थे लेकिन लॉकडाउन के दौरान वे बेरोजगार हो गए। समूह से लोन लेकर हमने छोटा कारोबार शुरू किया। बाद में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से उद्योग शुरू करने के लिए 10 लाख रुपये राशि की स्वीकृति मिली। हमलोगों ने अपना व्यवसाय शुरू किया और हमलोगों की अच्छी आमदनी हो रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री जी को तहेदिल से धन्यवाद देते हैं।
जीविका दीदी श्रीमती रेखा देवी ने बताया कि वर्ष 2017 से जीविका से जुड़ी। 30 हजार रुपये का समूह से लोन लिया। हम खेती और पशुपालन भी करते हैं। जीविका समूह से जुड़ने के बाद हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरी है। मुख्यमंत्री जी को इसके लिए हृदय से धन्यवाद देते हैं।
जीविका दीदी श्रीमती रितु पांडेय ने कहा कि हमारे पास गुण था लेकिन पैसा नहीं था इसलिए हम कुछ नहीं कर पा रहे थे। वर्ष 2014 में जीविका समूह से जुड़ने के बाद सिलाई मशीन खरीदी जिससे लॉकडाउन में मास्क बनाया और उससे हमारी अच्छी आमदनी हुई। हमने और सिलाई मशीन खरीदी। आपने हम सभी जीविका दीदियों का राशन कार्ड बनवाया, इससे हमें काफी फायदा हो रहा है। हम मुख्यमंत्री जी को इसके लिए नमन करते हैं।
संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाधान यात्रा में गांव भ्रमण के दौरान जीविका दीदियों से हम बातचीत करते हैं साथ ही आपलोगों के साथ यहां संवाद कार्यक्रम भी रखा गया है। 200 से अधिक जीविका दीदियां यहां उपस्थित हैं। आपलोगों में से कुछ ने अपनी बात रखी है, सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई। हमारा उद्देश्य है कि सभी जगह घूमकर देखें, जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उसका लाभ लोगों को कितना मिल रहा है और क्या किए जाने की जरूरत है। लोगों की क्या समस्याएं हैं, उसको जानने निकले हैं और उसके समाधान के लिए अधिकारियों को कह रहे हैं। गांव भ्रमण के दौरान जीविका दीदियों से बात होती है। वे अपनी कुछ समस्याएं भी बताती हैं। उसके समाधान के लिए हम अधिकारियों को कहते हैं लेकिन आप से जो संवाद हो रहा है उससे कई बातों की जानकारी और मुझे मिल रही है। आपलोगों ने जो कई अच्छे कार्य किए हैं उससे आपके परिवार और समाज में जो बदलाव हो रहा है उसकी भी जानकारी मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वर्ष 2006 में जीविका समूह का गठन किया। बाहर से कर्ज लिया और स्वयं सहायता समूह का नामकरण ‘जीविका’ किया। उस समय केंद्र सरकार के मंत्री ने आकर जीविका समूह के कामों को देखा और पूरे देश में इसका नामकरण ‘आजीविका’ किया यानी जीविका पूरे देश में आ जाए। जीविका से ही आजीविका बना है।
इसको आपलोग याद रखिएगा। उन्होंने कहा कि जीविका समूह से एक करोड़ 30 लाख के लगभग महिलायें जुड़ गई हैं। 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह का गठन हुआ है। जीविका दीदियां दूसरे राज्यों में भी जाकर ट्रेनिंग देती हैं। अभी संवाद के दौरान जीविका दीदियों ने बताया कि उन्हें इससे कितना फायदा हो रहा है। पहले महिलाएं बोल नहीं पाती थीं और अब कितने अच्छे ढंग से आगे बढ़कर अपनी बातें रख रही हैं और परिवार को भी आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 के जुलाई महीने में जीविका समूह की एक बैठक में महिलाओं की मांग पर ही शराबबंदी लागू की गई। आप सभी गड़बड़ करने वाले लोगों को समझायें। शराब बुरी चीज है इसका सेवन न करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने महिलाओं के लिए काफी काम किया है। पंचायती राज संस्थानों एवं नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित की गई है। पुलिसबल में बड़ी संख्या में महिलाओं की भर्ती हो रही है। बिहार में जितनी महिलाएं पुलिस में हैं उतने दूसरे राज्यों में भी नहीं हैं। बच्चियों को पढ़ाने के लिए पोशाक योजना, साइकिल योजना शुरू की गई। बिहार में इंजीनियरिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज में नामांकन हेतु एक तिहाई सीट आरक्षित की गई है। दहेज प्रथा खत्म होनी चाहिये। लड़के वाले को दहेज लेने का कोई औचित्य नहीं है, इसके लिये कानून बना हुआ है। समाज में लड़कियों और महिलाओं का काफी महत्व है। आप सभी दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाते रहिये। दहेज का लेन-देन करने वालों की शादी में शामिल न हों। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की उम्र में लड़की की, जबकि 21 वर्ष की उम्र में लड़के की शादी होनी चाहिये। आप सभी अपने काम के साथ-साथ बाल विवाह के विरुद्ध अभियान भी चलाते रहिये। उन्होंने कहा कि एक सर्वे में यह बात सामने आई कि पति-पत्नी में यदि पत्नी मैट्रिक पास तो देश में औसत प्रजनन दर 2 है और बिहार का भी 2 है। यदि पत्नी इंटर पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 1.7 और बिहार का 1.6 है। पहले बिहार का औसत प्रजनन दर 4.3 था अब घटकर 2.9 पर पहुंच गया है। हमलोगों का लक्ष्य इसे 2 पर लाने का है। लड़कियाँ पढ़ेंगी तो प्रजनन दर घटेगा। सरकारी विद्यालयों में ठीक ढंग से पढ़ाई हो, शिक्षक उपस्थित रहें, इस पर आप सभी नजर रखिये। यदि शिक्षक अनुपस्थित रहते हैं तो आप सभी जीविका दीदियां उसकी रिपोर्ट करें। हमने जिलाधिकारी को कह दिया है कि स्कूलों में ठीक से पढ़ाई हो, इस पर विशेष ध्यान दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने महिलाओं के लिए काफी काम किया है। हमें पूरा भरोसा है कि आपके प्रयास और मेहनत से समाज में सुधार होगा, बच्चे शिक्षित होंगे। बच्चों को पढ़ाने पर विशेष ध्यान दें। महिलाएं काफी समझदार होती हैं। महिला और पुरुष साथ मिलकर कमाएंगे तो परिवार की तरक्की होगी। परिवार की तरक्की होगी तो समाज, राज्य और देश की तरक्की होगी। हम चाहते हैं कि और भी अधिक-से-अधिक महिलाएं जीविका समूह से जुड़ें। महिलाओं का बहुत महत्व है। समाज में उसकी इज्जत होनी चाहिए । हमलोग आपलोगों को बढ़ाना चाहते हैं। बिहार की महिलाओं को आगे बढ़ाना चाहते हैं आपलोग अच्छे ढंग से काम कीजिए। आपलोगों को आगे बढ़ाने के लिए हमसे जो भी संभव होगा हम करेंगे। आपने अपनी बात कही इसके लिए आपको धन्यवाद देते हैं।
संवाद कार्यक्रम के पूर्व मुख्यमंत्री ने आर्ट गैलरी सह प्रेक्षागृह में जीविका महिला उद्यमियों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद की प्रदर्शन का अवलोकन किया और उत्पाद की गुणवता और जीविका महिलाओं की उद्यमिता को देखकर प्रसन्नता जाहिर की।
संवाद कार्यक्रम के दौरान जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत जीविका दीदियों के छह जलाशयों के रखरखाव हेतु मुख्यमंत्री ने 14 लाख 70 हजार रुपये का चेक जीविका दीदियों को प्रदान किया।
संवाद कार्यक्रम में जीविका दीदी श्रीमती प्रियंका देवी ने मुख्यमंत्री को पौधा भेंटकर तथा जीविका दीदी श्रीमती अंजू देवी ने स्मृति चिह्न भेंटकर स्वागत किया
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सह सारण जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री जितेंद्र कुमार राय, श्रम संसाधन मंत्री श्री सुरेंद्र राम, विधायक श्री रामानुज प्रसाद, विधायक श्री छोटेलाल राय, विधायक श्री सत्येंद्र यादव, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री आर०एस० भट्ठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री बालामुरुगन डी०, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका सह मिशन निदेशक जल – जीवन – हरियाली अभियान श्री राहुल कुमार, आयुक्त सारण प्रमंडल श्रीमती पूनम, पुलिस उपमहानिरीक्षक सारण रेंज श्री विकास कुमार, जिलाधिकारी छपरा श्री राजेश मीणा, पुलिस अधीक्षक छपरा, श्री गौरव मंगला सहित अन्य वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।