पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से बुधवार को रेल भवन में मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने मांग की है कि रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड के परीक्षार्थियों के लिए मेडिकल स्टैंडर्ड 2019 के ही बराबर रखा जाए. वहीं, रिक्तियों की डेढ़ गुना संख्या में परीक्षार्थियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जाए और 2019 के बाद निर्गत ईडब्लूएस सर्टिफिकेट को भी स्वीकार किया जाए.
बीजेपी नेता ने मंत्री को बताई ये बात
सुशील मोदी ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि सात वर्गों में मेडिकल स्टैंडर्ड को तीन साल के बाद अचानक 2022 में बदल दिया गया. उसी प्रकार 2019 में डेढ़ गुणा छात्रों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन बुलाए जाने का प्रावधान को अचानक बदल कर तीन साल बाद रिक्त पदों के बराबर कर दिया. ईडब्लूएस सर्टिफिकेट प्राप्त करने में 2019 में छात्रों को कठिनाई हो रही थी क्योंकि उस समय ईडब्लूएस लागू हुआ था और पदाधिकारियों को ईडब्लूएस निर्गत करने के बारे में स्पष्टता नहीं थी.
पहले भी मंत्री से की थी मुलाकात
राज्यसभा सांसद की माने तो मंत्री ने आश्वस्त किया कि एनटीपीसी में एक छात्र एक रिजल्ट और ग्रुप-डी में दो के बजाय एक परीक्षा और उपरोक्त तीन मांगों का सरकार अवश्य समाधान करेगी और किसी भी कीमत पर छात्रों का अहित नहीं होगा, छात्रों की मांगों के अनुरूप समाधान किया जाएगा. बता दें कि 25 जनवरी से जब रिजल्ट में धांधली को लेकर अभ्यर्थी जब सड़क पर उतरे और भारी बवाल के बाद 28 जनवरी को बिहार बंद का एलान किया था, तब भी सुमो ने रेलमंत्री से मुलाकात की थी. वहीं, मुलाकत के बाद छात्रों से बिहार बंद नहीं करने की अपील करते हुए कहा था कि रेल मंत्री से बात हुई है. वो मांगों को मानने के लिए तैयार हैं.