बिहार के सियासी गलियारे से बड़ी ख़बर सामने आ रही है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को बड़ा झटका लगा है। जी हां, आरजेडी के महासचिव और वरिष्ठ नेता श्याम रजक ने इस्तीफा दे दिया है।
श्याम रजक ने बड़े ही शायराना अंदाज में इस्तीफा लिख कर लालू की पार्टी को अलविदा कहा है।
आइए जानते हैं लालू-राबड़ी के नेतृत्व वाली बिहार की पूर्व सरकार में प्रभावी मंत्री रहे श्याम रजक क्यों राष्ट्रीय जनता दल पार्टी से अचानक खफा हो गए और आगे उनका क्या है प्लान?
दूसरी बार छोड़ी लालू यादव की पार्टी
बता दें ये दूसरी बार है जब श्याम रजक ने लालू की पार्टी से इस्तीफा दिया है। पिछली बार श्याम रजक राजद छोड़कर सीएम नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड में शामिल हुए थे लेकिन कुछ ही समय बाद बाद राजद के साथ जदयू की सरकार बनने के बाद से ही श्याम रजक असहज महसूस कर रहे थे।
श्याम रजक ने लालू के नाम लिखा शायराना इस्तीफा
श्याम रजक ने अपना इस्तीफा लालू यादव को लिखा है। जिसमें उन्होंने लिखा कि मैं राजद के महासचिव और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। इस्तीफे में शायराना अंदाज में लिखा “मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया। आप मोहरे चल रहे थे, और मैं रिेश्तेदारी निभा रहा था। इस इस्तीफे से उन्होंने साफ तौर पर धोखे की बात की है।
क्यों छोड़ दी RJD?
2020 में आरजेडी में शामिल होने से पहले श्याम राजद जेडीयू में थे। उन्हें 2020 के विधानसभा चुनाव में फुलवारी शरीफ सीट पर आरजेडी से टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन जब महागठबंधन में सीट एडजस्टमेंट के तहत यह सीट सीपीआई-एमएल को चली गई तो उन्हें निराशा हुई। उस चुनाव में सीपीआई-एमएल के गोपाल रविदास ने जेडीयू उम्मीदवार अरुण मांझी को हराकर जीत हासिल की थी।
राजद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ने का भी लक्ष्य रखा था, लेकिन यह सीट दूसरे महागठबंधन के तहत कांग्रेस के खाते में चली गई। बार-बार निराशा मिलने से उनकी राजद से दूरी बढ़ती गई और उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
दो दिन पहले शेयर किया था ये वीडियो
बता दें श्याम रजक ने 21 अगस्त 2024 को दलितों के आरक्षण मे क्रिमिलेयर एवं वर्गीकरण करने के विरूद्ध एकदिवसीय भारत बंद का आह्वान किया था। 20 अगस्त को श्याम रजक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया। उन्होंने दलितों और अनुसूचित जनजातियों को वर्गीकृत करने के न्यायपालिका के फैसले पर सवाल उठाते हुए पूछा कि संविधान की कौन सी धारा इसका समर्थन करती है। उन्होंने सभी दलितों और उनके समर्थकों से बाबा साहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत बंद के दौरान सड़कें जाम करने का आग्रह किया।
रजक ने अपने वीडियो संदेश में कहा, “जिस तरह से दलितों पर हमले हो रहे हैं और उन पर अत्याचार हो रहे हैं… दलितों की उपेक्षा की जा रही है।”
कौन सी पार्टी का थामेंगे हाथ?
श्याम रजक ने अभी कोई खुलासा नहीं किया है लेकिन नीतीश कुमार की जदयू में ही इनके शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही है। बिहार में एक महत्वपूर्ण दलित नेता के रूप में जाने जाने वाले श्याम रजक ने हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की थी।