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सारण :- छपरा के भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के अंगरक्षकों को बड़ी राहत दी है। पुस्तैनी घर में एमपी के भाई और भाभी को घुसने नहीं देने के आरोप में अंगरक्षकों पर कार्रवाई की मांग की गयी थी।
उनकी ओर से कोर्ट में अर्जी दायर की गई जिसे खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा की एकलपीठ ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा सांसद के अंगरक्षकों ने आवेदक और उनकी पत्नी के साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं किया है। न ही किसी ने उनके और उनकी पत्नी की गरिमा को ठेस पहुंचाई है।
गौरतलब है कि भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के भाई सेवानिवृत्त एयर कमांडर रणधीर प्रताप की ओर से पटना हाईकोर्ट में आपराधिक रिट याचिका दायर कर आरोप लगाया गया था कि मां के देहांत के बाद भाइयों में संपत्ति को लेकर विवाद होने लगा। आवेदक ने छपरा सिविल कोर्ट में बंटवारा केस भी दायर किया। उनका कहना था कि सांसद के इशारे पर उनके सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें और उनकी पत्नी को पुस्तैनी घर में प्रवेश करने से रोक दिया। इससे उनकी गरिमा को ठेस पहुंची है। पेटिशनर ने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की।
सांसद की भाभी ने आरोप लगाया कि उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किया गया। इसकी शिकायत सीआरपीएफ के डीजी सहित सूबे के डीजीपी, सारण के एसपी से की गयी, लेकिन कहीं से कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले में सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने 40 पन्ने का आदेश जारी कर अर्जी को खारिज कर दिया। कोर्ट के इस फैसले से सांसद के खेमे के लोग बड़ी राहत महसूस कर रहे हैं। सांसद को भी इससे राहत मिली है क्योंकि उनकी बहुत बदनामी हो रही थी। खासकर विपक्षी इसे हथियार बनाने की तैयारी में थे जिसनें कोर्ट के फैसले से धक्का लगा है।