छपरा, सारण
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का राजनीति में गिरती हुई नैतिकता के स्तर पर बेबाक बयान सामने आया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि दो दशक पहले असम में हुए रेल हादसे पर तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री नीतीश कुमार ने 291 लोगों की मौत के बाद नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया था, जबकि उन्हें इस्तीफा देने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मना किया था। लेकिन ये वही नीतीश कुमार हैं कि 2020 के विधानसभा के चुनाव में चुनाव हार गए हैं, क्योंकि 242 विधायकों वाली बिहार विधानसभा में जेडीयू के सिर्फ 40-42 विधायक जीते हैं। लेकिन फिर भी कोई न कोई जुगत लगाकर कभी भाजपा का पैर पकड़कर तो तो कभी लालटेन पर लटककर नीतीश कुमार किसी न किसी तरह से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर चिपके हुए हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रशासक के तौर पर नीतीश कुमार वो व्यक्ति नहीं हैं और न ही राजनेता के तौर पर नीतीश वो व्यक्ति हैं। नीतीश कुमार आज कोई न कोई जुगाड़ लगाकर सीएम की कुर्सी से चिपके रहना चाहते हैं।