
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी सेना बौखला गई है और इस बौखलाहट में उसने गुरुवार को देर रात भारतीय शहर जम्मू में विस्फोट किए, जिन्हें भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 और आकाश ने नाकाम कर दिया। रॉयटर के एक पत्रकार ने बताया कि रात के समय सायरन बजते रहे और जम्मू के ऊपर आसमान में करीब ढाई घंटे तक लाल फ्लैश और प्रोजेक्टाइल्स चमकते रहे।
भारत के प्रहार से दहला पाकिस्तान
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलाबारी की। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद, लाहौर, कराची, सियालकोट, बहावलपुर जैसे महत्वपूर्ण नौ शहरों में मिसाइलों और ड्रोन की बौछार की। देर शाम हुए हमलों के बाद सीडीएस के नेतृत्व में तीनों सेनाओं के प्रमुखों की आपात बैठक हुई।
पाकिस्तानी ठिकानों को निशाना बनाया गया
खास बात यह है कि बुधवार रात की तरह ही गुरुवार को भी भारतीय सेना ने अपनी सीमा में रहते हुए पाकिस्तानी ठिकानों को निशाना बनाया है।इससे पहले पाकिस्तान ने बुधवार-गुरुवार रात जम्मू-कश्मीर और पंजाब से लेकर गुजरात के सीमावर्ती इलाकों के 15 शहरों में सैन्य प्रतिष्ठानों पर मिसाइल और ड्रोन से हमले की नाकाम कोशिशें कीं।
अमेरिका ने भारत को रूस से एस 400 सिस्टम खरीदने पर प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी थी लेकिन भारत इसकी परवाह नहीं की। 39,000 करोड़ रुपये में एस 400 की पांच यूनिट खरीदने का सौदा किया था भारत ने रूस से तीन यूनिट भारत को मिल चुकी है और बाकी दो यूनिट की आपूर्ति लंबित है।
एस-400 की खासियत
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मिसाइल, एयरक्राफ्ट या फिर ड्रोन से हुए हवाई हमले से निपटने में सक्षम है एस 400 माइनस 50 से लेकर 70 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में काम करने में सक्षम ट्रक पर लगे होने की वजह से इसे एक जगह से दूसरी जगह जाना आसान है।
कितना ताकतवर है एस 400
4800 मीटर प्रति सेकेंड गति, 100 किलोमीटर की रेंज से लेकर 40,000 फीट तक की ऊंचाई पर उड़ रहे टारगेट को कर सकता तबाह कर सकता है। 1967 में एस 200 का निर्माण हुआ था और 1978 में एस-300 था। एस-400 का निर्माण इसलिए हुआ था कि शीत युद्ध के दौरान अमेरिका और 1999 में शुरू रूस के बीच घातक हथियार और मिसाइल बनाने की होड़ थी । इसी हुआ एस 400 का परीक्षण समय रूस ने ऐसा एयर डिफेंस 2007 में रूस सिस्टम बनाया जो अमेरिका की मिसाइलों को रूस तक