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सारण, छपरा
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आज बिहार में नेता जब जनता के बीच जाते हैं तो कुछ करे न करे दो सबसे ज्यादा जरूरी काम जरूर करते हैं। पहला, वो अपने विरोधियों को गाली देते हैं। दूसरा, जनता को लालच देते हैं कि उनके लिए कौन सा काम वो करने वाले हैं। मैं आपको बताने आया हूं कि जब तक आप जागरूक नहीं होंगे तब तक मैं आपका कुछ भी काम नहीं करूंगा। मैं आज आपके बीच नाली-गली, राशन कार्ड बांटने नहीं आया हूं। मैं न ही आपके बीच दूसरे पार्टी के नेताओं की तरह खरी-खोटी सुनाने आया हूं।
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मैं बस आज आपसे जानने आया हूं कि मान लीजिए दूसरे पार्टी के नेता चाहे वो कॉंग्रेस के हो या लालू-नीतीश या फिर भाजपा जो दावा करती है कि बिहार के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया है। मैं चलिए मान भी लेता हूं कि देश के आजाद होने के बाद उन्होंने बिहार के विकास के लिए बहुत कुछ किया है। मगर मेरे मन में सवाल उठता है कि इतना काम करने के बाद भी बिहार देश का सबसे पिछड़ा, गरीब और अशिक्षित भुखमरी वाला राज्य अबतक कैसे बना हुआ है? आज अगर बिहार देश होता तो विश्व का छठवां सबसे गरीब देश होता। आज बिहार देश का सबसे ज्यादा बेरोजगार वाला राज्य है, जो बात आप सभी बिहार की जनता को मालूम है और आपसे कुछ छिपी हुई नहीं है।