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नीतीश सरकार को बिहार सदन में बहुमत साबित करना है, लेकिन स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के पद पर बने रहने से जेडीयू और बीजेपी नेताओं के माथे पर शिकन है. अब संकेत ये मिल रहे हैं कल बहुमत साबित करने से पहले स्पीकर को पद से हटाने पर चर्चा हो सकती है.
आरजेडी ने इस कोशिश को नाकाम करने के लिए संविधान का हवाला दे दिया और कहा ये मुमकिन नहीं है.
इस बीच नीतीश मंत्रिमंडल के फ्लोर टेस्ट से पहले राजभवन में लीगल एडवाइजर की पूरी टीम बदल दी गई है. सूत्रों के अनुसार बिहार के राज्यपाल के विधि सलाहकार की नई टीम में डॉ कृष्ण नंदन सिंह को चीफ लीगल एडवाइजर, राजीव रंजन पाण्डेय को लीगल एडवाइजर कम रिटेनर और जनार्दन प्रसाद सिंह को एडिशनल काउंसिल बनाया गया है.
सियासी हलचलों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में मंत्री और जेडीयू नेता विजय चौधरी के आवास पर विधायक दल की बैठक की. जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में 39 विधायक ही पहुंचे. जदयू के 6 विधायक नदारद रहे. जो 6 विधायक नहीं पहुंचे उनमें, संजीव सिंह, बीमा भारती, सुदर्शन, मनोज यादव, दिलीप राय, अमन हजारी का नाम सामने आया है.
जदयू के कई विधायकों को प्रलोभन का दावा
दरअसल, बिहार की सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि जदयू को अपने विधायकों के टूटने का डर है. सूत्रों के मुताबिक, बीमा भारती के पास प्रलोभन देने के लिए फोन भी आया था. हालांकि, इसमें कितनी सच्चाई है कि यह कहा नहीं जा सकता है. जदयू विधायक शालिनी मिश्रा ने कहा कांग्रेस और राजद के विधायकों को जगह-जगह रखा जा रहा है लेकिन जेडीयू के विधायक अपने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हैं.
तेजस्वी के आवास पर राजद विधायकों का जमावड़ा
दूसरी ओर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के आवास पर आरजेडी के तमाम विधायक संगीत का लुत्फ उठा रहें हैं. सर्दी से बचने के लिए अलाव का भी इंतजाम है. 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट से पहले आरजेडी अपने तमाम विधायकों को टूटने से बचाना चाह रही है. यही वजह है कि मीटिंग के बाद सभी विधायकों को तेजस्वी के आवास पर ही रोक लिया गया और उनके खाने पीने का भी इंतजाम कर दिया गया.
आरजेडी कह रही कल कुछ बड़ा होगा
तेजस्वी के अवास के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम है. जहां साइकिल पर लादकर सब्जियां लाई जा रही हैं. यानी फ्लोर टेस्ट से पहले सभी विधायकों को तेजस्वी के पांच देश रत्न मार्ग स्थित घर पर ही खाना-पीना और सोना है. बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले आरजेडी और जेडीयू अपने-अपने दावे कर रही है. आरजेडी का दावा है कि कल कुछ बड़ा होगा तो दूसरी तरफ जेडीयू कह रही है कि आरजेडी को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है.
किस पार्टी के पास कितने विधायक?
बिहार विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 243 है. इनमें से लालू यादव की पार्टी राजद के पास सबसे ज्यादा 79 विधायक हैं. कांग्रेस के पास 19 विधायक हैं और वामदलों 16 सदस्य हैं. इस तरह से देखें तो महागठबंधन में कुल विधायकों की संख्या 114 है. दूसरी तरफ एनडीए है. इसमें बीजेपी के पास 78 विधायक, जदयू के पास 45 और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर के चार विधायक हैं.
इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक का भी साथ है. इस तरह से देखें तो सत्ता पक्ष के कुल विधायकों की संख्या 128 है. बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है. ऐसे में नीतीश कुमार को कोई दिक्कत तो नजर नहीं आ रही है, लेकिन जीतन राम मांझी की पार्टी और निर्दलीय के साथ-साथ जदयू के विधायक अगर पाला बदलते हैं तो फिर बिहार में नया सियासी संकट खड़ा हो जाएगा.