पटना डेस्क
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर बिहार में शराब बंदी पर मुखर होकर बोल रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरी अपनी जो समझ है वो यह कहती हैं कि दुनिया में किसी भी देश, राज्य या फिर किसी भी समाज में इस बात का प्रमाण नहीं है कि शराब बंदी से समाज का आर्थिक सामाजिक विकास किया गया हो। अगर शराब बंदी के जरिए ऐसा होता तो दुनिया में सारे लोग बेवकूफ नहीं हैं वो भी शराब बंदी लागू कर देते। अगर शराब बंदी में दम भी है तो बिहार में शराब बंदी जमीन पर है नहीं। शराब बंदी से दुकानों में शराब का बिकना बंद हुआ है, लेकिन होम डिलिवरी शुरू हो गई है। आज बिहार में शराब माफिया का तंत्र खड़ा हो गया है। बिहार में आज गरीब लोगों का 20 हजार करोड़ का नुकसान प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से हर साल हो रहा है। जो पैसे का नुकसान हो रहा है वो पैसा जा रहा है शराब माफिया के पास अधिकारियों के पास। आज फायदा हो क्या रहा है।
लोग बता रहे हैं कि गांधी जी ने ऐसा कहा था तो मैंने खुली चुनौती दे रखी है। नीतीश कुमार और उनकी पूरी सरकार मुझे एक लाइन गांधी जी का लिखा हुआ या बोला हुआ दिखा दे कि सरकारों को शराब बंदी लागू करनी चाहिए। ये ऐसे बेवकूफ़ लोग हैं गांधी जे ने ये कहा कि शराब पीना गलत बात है। गांधी जी ने ये नहीं कहा कि कानून बना दीजिए और लोगों को जेल में डाल दीजिए। मैंने पिछले आठ महीने से चुनौती दी है नीतीश कुमार या उनके किसी साथी ने कहीं पढ़ा हो कि शराब बंदी कानून लागू करनी चाहिए तो मुझे वो लिखा हुआ दिखा दे।