छपरा, सारण
मशरक प्रखंड के बंगरा पंचायत के वार्ड 16 में लोगों को पेयजल की समस्या से पिछले छह महिनों से जूझना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महात्वाकांक्षी योजनाओं में से एक हर घर नल का जल योजना पूरी तरह से फेल साबित हो रही है। करोड़ों रुपए की लागत से शुरू की गई यह नल जल योजना देख रेख के अभाव और संवेदक की लापरवाही से छह महीने से पूरी तरह से बंद पड़ी है और लोगों को बूंद बूंद पानी के लिए जूझना पड़ रहा है। बताते चले कि पंचायत के कुछ वार्ड मे सिर्फ कागज पर ही काम को पूरा किया गया है। इस योजना का जांच पड़ताल करने वाला कोई नहीं है। सरकारी आकड़ों के मुताबिक बंगरा पंचायत में हर घर नल का जल योजना का काम पूरा हो चुका है। हर वार्ड में पानी की टंकी लगाई जा चुकी है। हर घर तक पानी के लिए पाइप बिछ चुका है और पानी के लिए नल लगाए जा चुके हैं। लेकिन पहुंचने पर देखा कि कई घर तक तो पाइप ही नहीं पहुंचा है। वही वार्ड 16 की महिलाओं ने बताया कि इलाके में कुछ ही जगहों पर नल जल योजना का लाभ मिल रहा है। पानी के लिए पाईप और नल लगाए गए हैं। लेकिन नल से पानी अभी तक सुचारू ढंग से शुरु नहीं हो पाया है। जब व्यवस्था शुरू की गई थी तब कुछ दिन तक पानी आया उसके बाद से पानी की आस में वो बैठी हैं। वही कुछ लोगों ने कहा कि जब साल 2020 में योजना का काम पूरा हो चुका है तो वार्ड के सभी लोगों को शुद्ध पानी क्यों नहीं मिल रहा है। बता दें नल जल योजना का काम सिर्फ कागजों पर पूरा है लेकिन जमीन पर अधूरा। अब बड़ा सवाल यह है कि जहां काम हुआ है वहां के लोगों को ही योजना का फायदा नहीं मिल रहा तो योजना का फायदा आखिर किसे मिला ? आखिर नल जल योजना के घोटाले का जिम्मेदार कौन है? वही इस वार्ड के एक व्यक्ति ने कहा कि कहीं पाइप लगी है तो टोंटी नहीं, कहीं टोंटी लगी तो पाइप नदारद, कहीं पानी की टंकी लगी है तो मोटर खराब, कहीं सब कुछ लगा है तो घटिया समाग्री योजना को मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है। ऐसे में हैंडपंप का गंदा पानी ही हमलोगों के लिए एक मात्र जीने का साधन बना हुआ है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर इस जल घोटाले का जिम्मेवार कौन है?