बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के बाद अब शिक्षा विभाग उनकी उपस्थिति पर कड़ी नजर रखेगा, इसके लिए माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बायोमेट्रिक्स लगाए जाएंगे और इसके आधार पर शिक्षकों की उपस्थिति भी दर्ज की जाएगी। पहले चरण में 4602 स्कूलों में बायोमेट्रिक्स से शिक्षकों की हाजिरी लगाने की शुरुआत की जायेगी, इसके लिए विभाग सभी हाई और इंटरमीडिएट स्कूलों को इंटरनेट सेवा मुहैया कराएगा।
शिक्षा विभाग ने इंटरनेट मुहैया कराने और बायोमेट्रिक मीशनें स्कूलों में लगाने के लिए एजेंसियों को चयन कर लिया है। इसके साथ ही इस निर्णय से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को अवगत कराते हुए जरूरी दिशा- निर्देश भी जारी कर दिया गया है। अगल चरण में बाकी के सभी स्कूलों में भी शिक्षकों की बायोमैट्रिक्स सिस्टम से हाजिरी ली जायेगी।
विभाग के निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि मशीनें लगाने के लिए चार एजेंसियों का चयन किया गया है। इन सभी एजेंसियों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई है।
स्कूलों में इंटरनेट सेवा जरूरी
उन्होंने कहा कि एजेंसियां अपने जिले में संपर्क कर स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीने लगाएंगी। इसके लिए आवश्यक है कि सभी माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों में इंटरनेट की सेवा उपलब्ध हो। स्कूलों में इंटरनेट उपलब्धता के लिए बीएसएनएल की सेवा लिया जाना है।
विभाग ने कहा है कि राज्य के 784 माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों में कंप्यूटर की बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए आईसीटी लैब की स्थापना की जा चुकी है। 3818 माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों में आईसीटी लैब की स्थापना की जा रही है।
स्कूलों में होगी ई-लाइब्रेरी की स्थापना
वहीं माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में ई-लाइब्रेरी की सुविधा बहाल की जानी है। इसके लिए भी एजेंसी का चयन कर लिया गया है। इस तरह देखें तो बॉयोमेट्रिक से हाजिरी, आईसीटी लैब का संचालन और ई-लाईब्रेरी के लिए इंटरनेट सेवा जरूरी होगी। इंटरनेट की सेवा धाराप्रवाह मिले, इसको लेकर ही बीएसएनएल का चयन खुली निविदा के माध्यम से किया गया है।