पटना। प्रदेश में बालू के बढ़ते अवैध खनन और इसके परिवहन पर रोक के लिए सरकार ने नौ जिलों में चेक पोस्ट बनाने का निर्णय लिया है।
मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में हुई बैठक में चेक पोस्ट निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया था, लेकिन दो महीने से अधिक का वक्त बीतने के बाद भी तीन जिलों ने चेक पोस्ट के लिए प्रस्तावित जमीन की सूचना खान एवं भू-तत्व विभाग को मुहैया नहीं कराई है।
खान एवं भू-तत्व विभाग की योजना ज्यादा बालू खनन वाले जिले पटना, भोजपुर, नवादा, रोहतास, जमुई, औरंगाबाद, गया, कैमूर और बांका जिले में स्थायी चेक पोस्ट निर्माण की है।
हाल ही में खान निदेशक नैय्यर इकबाल की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह बात सामने आई कि पटना, गया और बांका ने जिले ने अब तक चेक पोस्ट के लिए जमीन का विकल्प नहीं दिया है।
फरवरी 2024 से चेक पोस्ट निर्माण कार्य होगा शुरू
खान निदेशक ने इस बार नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित तीन जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे शीघ्र स्थायी चेक पोस्टर के निर्माण के लिए जमीन चिह्नित करें और जमीन का पूरा ब्योरा जिसमें खाता, खेसरा व दूसरी अन्य जानकारी हो उसे विभाग को मुहैया करा दें।
विभाग की जानकारी के अनुसार, सभी जिलों से चेक पोस्ट निर्माण के लिए जमीन का ब्योरा मिलने के बाद टेंडर के माध्यम से निर्माण एजेंसी का चयन किया जाएगा।
फरवरी 2024 से चेक पोस्ट का निर्माण कार्य प्रारंभ हो सकेगा और दो महीने में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद गैर कानूनी तरीके से बालू के परिवहन पर रोक लगाई जाएगी। चेक पोस्ट से वैसे बालू लदे वाहनों को ही पास करने की अनुमति होगी, जिन्होंने विभागीय पोर्टल पर अपने वाहन का निबंधन कराया होगा।
संबंधित वाहन को वे-ब्रिज पर तौला भी जाएगा। यदि उसमें निर्धारित मात्रा से अधिक बालू होगी तो वैसे वाहन और उनके बंदोबस्तधारियों के खिलाफ कठोर कराई की जाएगी।