* प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के अधीन उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक और शिक्षक को रखना पड़ सकता है महंगा
सारण, छपरा।
सारण जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षक नेता सुजीत कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि सारण जिले में हो रहा जातीय जनगणना की सूची प्रकाशन में भारी अनियमितता बरती गई है। मालूम हो कि पूर्व में जनगणना कार्य में उच्च विद्यालय के शिक्षकों को पर्यवेक्षक एवं प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के शिक्षकों को प्रगणक के रूप में नियुक्त किया गया था। इस बार जातीय जनगणना में प्रखंड स्तर पर मिलीभगत के कारण कई प्रखंडों में उच्च विद्यालय के शिक्षकों को प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के अधीन कार्य करने के लिए प्रगणक के रूप में नियुक्त कर दिया गया जो कहीं से सही प्रतीत नहीं हो रहा है। इसमें कहीं ना कहीं पदाधिकारी की मिली भगत स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। उच्च विद्यालय के शिक्षकों का कैडर बड़ा है एवं प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों का कैडर कम होने के कारण पूर्व में उच्च विद्यालय के शिक्षकों को पर्यवेक्षक के रूप में रखा गया था और उनके अंडर में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को नियुक्त किया गया था। मगर सारण जिले के कई प्रखंडों में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को पर्यवेक्षक और उनके अधीन उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक सहित कई शिक्षकों को रख कर सूची प्रकाशित की गई है। इस कार्य मे घोर अनियमितता बरती गई है। इसमें सुधार नहीं किया गया तो निश्चित रूप से जातीय जनगणना कार्य बाधित हो सकती है। संघ के नेताओं ने जिला प्रशासन से अतिशीघ्र सूची में त्रुटि सुधार कर उच्च विद्यालय के शिक्षकों को पर्यवेक्षक के रुप में नियुक्त करने की मांग की है। जिससे जातीय जनगणना अति शीघ्र हो सके। क्षोभ व्यक्त करने वालों में मुख्य रूप से सुनील कुमार, आशुतोष मिश्रा, उत्तम कुमार, शशीकांत, मनीष भारती, पंकज कुमार, मनोज यादव, ज्योति भूषण सिंह, डॉ राजेंद्र सिंह, गौरीशंकर, विनोद ठाकुर, पुरुषोत्तम, ज्ञान भूषण, सिद्धार्थ कुमार, अवधेश यादव इत्यादि का नाम शामिल है। सैकड़ों शिक्षकों ने इसका पुरजोर विरोध किया है।