लोकसभा की 40 सीटों पर चुनाव सात चरणों में होगा। पहले चरण के लिए 28 मार्च को नोटिफिकेशन होगा। 19 अप्रैल को चुनाव होगा। बिहार में 2 अप्रैल तक नामांकन होगा, क्योंकि बिहार में होली है।
बिहार विधानसभा के अगिआंव सुरक्षित सीट पर लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में चुनाव होगा। भाकपा माले के विधायक मनोज मंजिल को सजा होने के बाद उनकी विधायकी समाप्त कर दी गई थी। इस खाली सीट पर अंतिम फेज में चुनाव होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के स्टार कैंपेनर पर हम गाइडलाइंस पहुंचाने के लिए कह चुके हैं, ताकि ऐसी नोटिस को यह दरकिनार नहीं करें। हेट स्पीच, प्राइवेट लाइफ पर चर्चा, गलत विज्ञापन आदि से बचने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है। चुनाव कैंपेन के दौरान पहले भी लाल निशान पार करने वालों को चिह्नित किया गया है और आगे उन्हें ऐसी गलतियों से बचने के लिए ताकीद करने को कहा गया है। इसके लिए राजनीतिक दलों को अपने प्रचारकों तक यह बातें पहुंचाने कहा गया है। किसी भी हालत में बच्चों का चुनाव के दौरान किसी तरह से इस्तेमाल नहीं करें। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस समय कोई बात कहने पर वीडियो के जरिए सबकुछ हमेशा के लिए रह जाता है, इसलिए गलत कुछ कहने से बचें। किसी भी राजनीतिक दल का हिसाब-किताब डिजिटाइज्ड फॉर्म में आएंगी।
गलत सूचना या भ्रम फैलाने पर रहेगी सख्ती
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार एक नई चीज की गई है, ताकि सोशल मीडिया से गलत, अफवाह या भ्रम फैलाने वालों पर सख्ती होगी। हर जिले में अधिकारी को ट्रेंड किया गया है कि वह गलत और सही की पहचान करें। जो गलत होगा, उसे हटाने का अधिकार भी दिया गया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कुछ राज्यों में बल का उपयोग ज्यादा है और कई राज्यों में धन का दुरुपयोग ज्यादा है। चुनाव में इसे रोकने के लिए आयोग ने वैज्ञानिक प्रक्रिया अपनाई है। जिला निर्वाचन पदाधिकारियों तक मैसेज पहुंचाया गया है कि शराब, रुपये आदि बांटने पर पूरी तरह से रोक के लिए सख्त प्रक्रिया अपनायी जाए। नकदी से लेकर बैंक ट्रांसफर तक पर नजर रखी जा रही है। यहां तक कि यूपीआई से भी अगर ऐसे ट्रांसफर होंगे, जिससे चुनाव पर असर पड़ेगा तो बैंक के जरिए उसकी निगरानी की जा रही है। जिस क्षेत्र में चार्टर्ड फ्लाइट या हेलीकॉप्टर को उतारा जाएगा, उसके अंदर की पूरी जांच होगी। इसी तरह ट्रेन समेत तमाम वाहनों की जांच की जाती रहेगी। ताकि, स्वच्छ चुनाव कराया जा सके।
24 घंटे होगी निगरानी, संविदा कर्मी रहेंगे प्रक्रिया से दूर
चुनाव में बाहुबल-हिंसा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व या चुनाव बाद की हिंसा से बचने के लिए आयोग को जो भी सख्ती से करना पड़ेगा, किया जाएगा। हर जिले में पांच तरह से जानकारी ली जाएगी। कंट्रोल रूम को टीवी, सोशल मीडिया, वेब कास्टिंग, 1905 नंबर से आई शिकायत, शिकायत पोर्टल और सीविजिल पर 24 घंटे नजर रखना है। जितने गैर-जमानती वारंट जारी हैं और जितने हिस्ट्रीशीटर हैं, उनपर पुलिस को सख्त एक्शन लेने के लिए कहा गया है। ड्रोन से भी निगरानी रखी जा रही है। जिलाधिकारी अब जिला निर्वाचन पदाधिकारी के रूप में मातहत की निगरानी रखेंगे। किसी भी हालत में संविदा कर्मियों को चुनाव में नहीं लगाया जाएगा। बिहार समेत कई राज्यों में संविदा पर कर्मी नियुक्त हैं, लेकिन उन्हें चुनाव में नहीं लगाया जाएगा।
क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले प्रत्याशी को तीन बार मीडिया में विज्ञापन देकर अपनी जानकारी बतानी होगी। इसके साथ ही पार्टियों को भी बताना होगा कि उन्हें यह नौबत क्यों आई? मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि अपने प्रत्याशी की आपराधिक छवि के बारे में जानकारी चुनाव आयोग के एप के जरिए आसानी से ले सकते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि 85 वर्ष या 40 प्रतिशत से ज्यादा दिव्यांग होने पर मतदाता वोटिंग बूथ पर गए भी वोट कर सकेंगे। बिहार की सभी सीटों पर भी यह सुविधा मिलेगी। चुनाव में लगे कर्मचारी घर पर जाकर वोट लेंगे। जो ऐसे वोटर मतदाता मतदान केंद्र पर पहुंचेंगे, उनके लिए वहां तो सुविधा रहेगी ही।
यादगार, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सभी की भागीदारी के साथ कराएंगे। उन्होंने बताया कि 97 करोड़ से ज्यादा वोटर इस बार देश में वोट देंगे। भौगोलिक, सांस्कृति और सामाजिक रूप से विभिन्नता के बावजूद हमारी तैयारी स्वर्णिम स्तर पर है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस प्रेस कांफ्रेंस का बेसब्री से इंतजार हो रहा था, क्योंकि इससे देश के लिए अगली सरकार का चयन होना है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्र में चुनाव एक त्योहार है। चुनाव का पर्व, देश का गर्व… का सूत्रवाक्य देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया कि 16 जून को मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, इसलिए अगली सरकार के गठन के लिए होने वाले चुनाव की तैयारी हो गई है।
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से शनिवार तीन बजे संवाददाता सम्मलेन की शुरुआत हुई। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू का परिचय कराते हुए लोकसभा चुनाव के लिए घोषणा की शुरुआत की।
बिहार में लोकसभा की 40 सीटों के लिए अगले आधे घंटे में चुनाव की तारीखें आ जाएंगी। माना जा रहा है कि मार्च के अंत में एक चरण का चुनाव होगा और फिर अप्रैल में पांच चरण का चुनाव कराया जाएगा। इसके बाद भी जरूरत पड़ी तो मई के पहले हफ्ते तक मतदान को खींचा जाएगा। इसके बाद मतगणना कराई जाएगी, ताकि ससमय केंद्र की नई सरकार का गठन हो जाए।
बिहार में इस बार बदल गए गठबंधन के साथी
लोकसभा चुनाव की अधिसूचना का इंतजार सभी को है, लेकिन इस बार पिछली बार के मुकाबले स्थिति अलग है। चुनाव की घोषणा से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है, क्योंकि पिछली बार सिर्फ तीन दलों के बीच सीटों का बंटवारा हुआ था। इस बार कई दलों के बीच है। आज निर्वाचन आयोग की घोषणा के बाद एनडीए बिहार की सीटों का बंटवारा कर घोषणा करेगा। उसके बाद ही महागठबंधन पत्ते खोलेगा। फिलहाल सभी की नजर निर्वाचन आयोग के ऊपर है।
पिछले लोकसभा चुनाव का परिणाम अनूठा रहा था
बिहार में इस तरह का चुनाव परिणाम दशकों से नहीं आ रहा था, जैसा पिछले लोकसभा चुनाव में आया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में से 39 सीटें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नाम रही थीं। इसमें सिर्फ एक किशनगंज सीट पर कांग्रेस के सांसद चुने गए थे। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाईटेड और लोक जनशक्ति पार्टी ने साथ मिलकर राजग के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था।
सीएम के गृह जिले और राजधानी का नंबर सबसे अंत में
2019 के लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में सीतामढ़ी (5), मधुबनी (6), मुजफ्फरपुर (15), सारण (20) और हाजीपुर (21) सीट पर मतदान हुआ था। छठे चरण में नेपाल और उत्तर प्रदेश से सटी वाल्मीकिनगर (1), पूर्वी चंपारण (2), पूर्वी चंपारण (3), शिवहर (4) सीटों के साथ वैशाली (16), गोपालगंज-आरक्षित (17), सीवान (18) और महाराजगंज (19) लोकसभा क्षेत्र में चुनाव हुआ था। सातवें और अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश के प्रभाव वाले आरा (32), बक्सर (33), सासाराम-आरक्षित (34) के अलावा सीएम के गृह क्षेत्र नालंदा (29), बिहार की राजधानी की दो सीटों पटना साहिब (30) व पाटलिपुत्रा (31) के साथ काराकाट (35) और जहानाबाद (36) क्षेत्र की बारी आई।
सीमांचल के जिलों और चर्चित सीटों पर हुआ चुनाव
2019 के लोकसभा चुनाव में पहले फेज में औरंगाबाद (37), गया-आरक्षित (38), नवादा (39) और जमुई-आरक्षित (40) लोकसभा सीटों पर चुनाव हुआ था। दूसरे फेज में फिर सीमावर्ती लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ। दूसरे फेज में किशनगंज (10), कटिहार (11), पूर्णिया (12), भागलपुर (26) और बांका (27) सीटों पर मतदान हुआ। पिछले लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में नेपाल से सटी तीन लोकसभा सीटों के साथ कुल पांच सीटों पर मतदान हुआ था। चर्चित प्रत्याशियों के कारण इस चरण के मतदान पर पूरे देश का ध्यान था। इस चरण में झंझारपुर (7), सुपौल (8), अररिया (9), मधेपुरा (13) और खगड़िया (25)। इसके बाद, चौथे फेज में मध्य बिहार के दरभंगा (14), उजियारपुर (22), समस्तीपुर-आरक्षित (23), बेगूसराय (24) और मुंगेर (28) में वोट पड़े थे।
अंतिम दो चरण में 40 में से 16 सीटों पर वोट
लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार की 40 में से 16 सीटों पर अंतिम दो चरणों में चुनाव हुआ था। शुरुआत महज चार सीटों पर मतदान से हुई थी। 11 अप्रैल को चार सीटों के लिए मतदान हुआ था। इसकी अधिसूचना 18 मार्च को जारी हुई और नामांकन 25 मार्च तक हुआ था। इसके बाद, 18 अप्रैल को पांच सीटों के लिए मतदान हुआ था। इसकी अधिसूचना 19 मार्च को जारी हुई और नामांकन 26 मार्च तक हुआ था। 23 अप्रैल को पांच सीटों के लिए मतदान हुआ था। इसकी अधिसूचना 28 मार्च को जारी हुई और नामांकन चार अप्रैल तक हुआ था। अप्रैल में अंतिम मतदान 29 अप्रैल को पांच सीटों पर हुआ था। इसके लिए अधिसूचना 02 अप्रैल से लागू हुई और नामांकन 09 अप्रैल तक हुआ था। फिर, 06 मई को पांच सीटों पर मतदान के लिए अधिसूचना 10 अप्रैल को हुई और नामांकन 18 अप्रैल तक लिया गया। इसके बाद, 12 मई को आठ लोकसभा सीटों पर चुनाव हुआ, जिसकी अधिसूचना 16 अप्रैल को हुई थी और नामांकन 23 अप्रैल तक दर्ज लिया गया था। अंतिम चरण का मतदान 19 मई को हुआ था। इसमें आठ सीटें थीं, जिसकी अधिसूचना 22 अप्रैल को जारी हुई थी और 29 अप्रैल तक प्रत्याशियों को पर्चा दाखिल करने का वक्त मिला था।
38 दिनों में सात चरणों का मतदान हुआ था
सुरक्षा और संसाधन-सुविधा को देखते हुए पिछली बार बिहार में सात चरणों में मतदान कराया गया था। पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को हुआ था और अंतिम चरण का 19 मई को। मतलब, एक महीने से भी ज्यादा समय तक मतदान को लेकर व्यस्तता रही थी। इस बार चूंकि चुनाव की घोषणा देर से हो रही है, इसलिए माना जा रहा है कि छह चरणों में चुनाव हो सकते हैं और पिछली बार की तरह एक महीने से ज्यादा नहीं, बल्कि एक महीने के अंदर सभी चरणों का मतदान हो जाएगा।
भारत निर्वाचन आयोग आज लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अधिसूचना जारी करेगा। इसके साथ ही बिहार की 40 लोकसभा सीटों में कब-कहां चुनाव होगा, यह घोषणा हो जाएगी। इस बार छह चरण में बिहार की सभी 40 सीटों पर मतदान होने के आसार हैं। पिछली बार 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश और 42 सीटों वाले पश्चिम बंगाल की तरह बिहार की 40 सीटों पर सात चरण में चुनाव हुए थे। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए उस साल 10 मार्च को घोषणा हुई थी और 23 मई को मतगणना हुई थी।