बिहार में नई-नई भाजपा की सरकार बनी है जिसके साथ ही जन नेताए जोकि जनता के मूल आवश्यकताओं को लेकर लड़ते हैं। जनता के वास्तविक मुद्दों को लेकर सरकार के सामने सवाल खड़ा करते हैं उनका दमन शुरू हो गया है। भाकपा माले के विधायक कामरेड मनोज मंजिल को राजनीतिक साजिश के तहत फसाया गया और विधायक मनोज मंजिल सहित 23 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
मौजूदा सरकार में फासीवाद चरम सीमा पर व्याप्त है। विपक्ष रहित राजनीति का सपना देखने वाली भाजपा सरकार लगातार विपक्ष के नेताओं का दमन कर रही है। देश की जनता को लगातार गुमराह किया जा रहा है और यह जन विरोधी सरकार जन नेताओं को दबाने कुचलने का हर संभव प्रयास करते नजर आ रही है ।
छात्र संगठन आइसा माले विधायक कामरेड मनोज मंजिल के गिरफ्तारी और आजीवन कारावास को फासीवाद , पूंजीवाद की बढ़त और सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में लोकतंत्र के दमन के रूप में देख रही है।
आज पूरे राज्य में इस साजिश के शिकार हुए कामरेड मनोज मंजिल के दमन के खिलाफ प्रतिवाद दिवस मना रही है।
आइसा नेताओं ने कहा कि मनोज मंजिल हमारे पार्टी के जन संगठन इंकलाबी नौजवान सभा के भी राष्ट्रीय नेता रह चुके हैं उनकी लोकप्रियता देश के नौजवानों में है और उनके लिए सभी छात्र नौजवान दमनकारी ताकत के खिलाफ लड़ने के लिए एक साथ सड़क पर उतरकर तैयार है। शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार के लिए लड़ने वाले हमारे नेता कामरेड मनोज मंजिल पर लगे आरोप झूठे हैं हम इसके खिलाफ लड़ेंगे और अंत में हमारी ही जीत होगी।