
देश— भारत में छोटे व्यवसायियों (Small Business Owners) के लिए जीएसटी (GST) नियमों को आसान बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण कदम है QRMP योजना। यह योजना छोटे व्यवसायियों को टैक्स (Tax) से संबंधित बोझ कम करने में मदद करती है। इस लेख में हम सरल भाषा में समझेंगे कि QRMP योजना क्या है और यह छोटे व्यवसायों के लिए कैसे फायदेमंद है।
1. QRMP योजना क्या है?
QRMP का पूरा नाम है Quarterly Return Filing and Monthly Payment of Taxes. हिंदी में इसे तिमाही रिटर्न दाखिल और मासिक टैक्स भुगतान योजना कह सकते हैं। यह योजना उन छोटे व्यवसायियों के लिए है जिनका सालाना बिक्री (Annual Turnover) 5 करोड़ रुपये से कम है। इस योजना के तहत, आपको जीएसटी रिटर्न (GST Returns) हर तीन महीने (Quarterly) में एक बार दाखिल करना होता है, लेकिन टैक्स का भुगतान हर महीने करना होता है। उदाहरण के लिए: मान लीजिए, आपका कपड़े का छोटा सा व्यवसाय है। पहले आपको हर महीने GSTR-1 और GSTR-3B रिटर्न दाखिल करना पड़ता था। लेकिन QRMP योजना में अब आपको ये रिटर्न हर तिमाही (Quarter) में एक बार ही जमा करना होगा। इससे आपका समय और मेहनत दोनों बचते हैं।

2. QRMP योजना का लाभ किन व्यवसायियों को मिल सकता है?
QRMP योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं। ये हैं: वार्षिक बिक्री की सीमा: पिछले वित्तीय वर्ष (Financial Year) में आपका कुल बिक्री 5 करोड़ रुपये से कम होना चाहिए। यह बिक्री आपके सभी जीएसटी नंबर (GSTIN) के कुल कारोबार पर आधारित होता है।
नियमित करदाता: यह योजना केवल नियमित जीएसटी करदाताओं (Regular Taxpayers) के लिए है। अगर आप कम्पोजिशन स्कीम (Composition Scheme) में हैं, इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर (Input Service Distributor) हैं, या गैर-निवासी करदाता (Non-Resident Taxpayer) हैं, तो आप इस योजना का लाभ नहीं ले सकते।
पिछले रिटर्न जमा: QRMP योजना चुनने से पहले आपके पिछले GSTR-3B रिटर्न जमा होने चाहिए।
उदाहरण: अगर आप दिल्ली में एक छोटी किराना दुकान चलाते हैं और आपका बिक्री
3 करोड़ रुपये सालाना है, तो आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं। लेकिन अगर आप कम्पोजिशन स्कीम में हैं, तो यह योजना आपके लिए नहीं है।
3. QRMP योजना के क्या लाभ हैं?
QRMP योजना छोटे व्यवसायियों के लिए कई तरह से फायदेमंद है। ये हैं इसके प्रमुख लाभ: कम रिटर्न फाइलिंग: पहले आपको साल में 12 GSTR-1 और 12 GSTR-3B रिटर्न जमा करना पड़ता था। अब QRMP योजना में आपको साल में केवल 4 GSTR-1 और 4 GSTR-3B रिटर्न जमा करना होता है। इससे समय और मेहनत की बचत होती है। कम खर्च: रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया कम होने से आपको अकाउंटेंट (Accountant) या टैक्स प्रोफेशनल (Tax Professional) की मदद कम लेनी पड़ती है, जिससे आपका खर्च कम होता है। बेहतर नकदी प्रबंधन (Cash Flow Management): चूंकि टैक्स का भुगतान मासिक आधार पर करना होता है, आप अपनी नकदी (Cash Flow) को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं। अनुकूलनशीलता (Flexibility): आप इस योजना को किसी भी तिमाही में चुन सकते हैं और जरूरत पड़ने पर इसे छोड़ भी सकते हैं। इनवॉइस फर्निशिंग फैसिलिटी (IFF): इस योजना में यह सुविधा भी दिया गया है की यदि व्यवसायी चाहे तो पहले दो महीनों में अपने B2B इनवॉइस (Invoices) को अपलोड कर सकते हैं, ताकि आपके ग्राहक समय पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input Tax Credit – ITC) का लाभ ले सकें। उदाहरण: मान लीजिए, आप एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोर चलाते हैं। QRMP योजना के तहत, आपको अब हर महीने रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं है। आप हर तिमाही में एक बार रिटर्न जमा कर सकते हैं, और अपने ग्राहकों के लिए IFF के जरिए इनवॉइस अपलोड कर सकते हैं। इससे आपका समय बचता है और ग्राहक भी खुश रहते हैं।
4. QRMP योजना में कौन-कौन से रिटर्न भरने होते हैं?
QRMP योजना में आपको निम्नलिखित रिटर्न दाखिल करने होते हैं: GSTR-1: यह रिटर्न आपकी बिक्री (Outward Supplies) का विवरण देता है। इसे तिमाही आधार पर जमा करना होता है, जो हर तिमाही के बाद अगले महीने की 13 तारीख तक करना होता है। GSTR-3B: यह रिटर्न आपकी टैक्स देनदारी (Tax Liability) और इनपुट टैक्स क रेडिट का सारांश देता है। इसे हर तिमाही के बाद अगले महीने की 22 या 24 तारीख तक जमा करना होता है (राज्य के आधार पर)।
इनवॉइस फर्निशिंग फैसिलिटी (IFF): यह एक वैकल्पिक सुविधा है, जिसके तहत आप पहले दो महीनों में अपने B2B इनवॉइस अपलोड कर सकते हैं। इसे हर महीने की 13 तारीख तक जमा करना होता है। उदाहरण: अगर आप अप्रैल-जून तिमाही में हैं, तो आप मई और जून में IFF के जरिए इनवॉइस अपलोड कर सकते हैं, और जुलाई में GSTR-1 और GSTR-3B जमा कर सकते हैं।
5. QRMP योजना का लाभ कब नहीं ले सकते?
कुछ परिस्थितियों में आप QRMP योजना का लाभ नहीं ले सकते: बिक्री 5 करोड़ से अधिक: अगर आपके व्यवसाय का बिक्री किसी तिमाही में 5 करोड़ रुपये से अधिक हो जाता है, तो अगली तिमाही से आपको इस योजना से बाहर होना पड़ेगा। कम्पोजिशन स्कीम में होना: अगर आप कम्पोजिशन स्कीम के तहत रजिस्टर्ड हैं, तो यह योजना आपके लिए उपलब्ध नहीं है।
पिछले रिटर्न बकाया: अगर आपने पिछले GSTR-3B रिटर्न जमा नहीं किए हैं, तो आप इस योजना को नहीं चुन सकते। विशेष श्रेणी के करदाता: गैर-निवासी करदाता, इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर, या टीसीएस (TCS) के तहत टैक्स काटने वाले करदाता इस योजना का लाभ नहीं ले सकते। उदाहरण: अगर आपका बिक्री जनवरी-मार्च 2025 में 6 करोड़ रुपये हो जाता है, तो अप्रैल-जून 2025 से आपको मासिक रिटर्न (Monthly Returns) दाखिल करना होगा।
6. QRMP योजना का कब चुनाव कर सकते हैं?
QRMP योजना का चुनाव करने का समय निम्नलिखित है: चुनाव का समय: आप इसे किसी भी तिमाही के लिए चुन सकते हैं। इसके लिए आपको जीएसटी पोर्टल (GST Portal) पर पिछले तिमाही के दूसरे महीने की पहली तारीख से लेकर वर्तमान तिमाही के पहले महीने की आखिरी तारीख तक आवेदन करना होता है। उदाहरण के लिए, अप्रैल-जून तिमाही के लिए आपको 1 फरवरी से 30 अप्रैल तक आवेदन करना होगा।
जीएसटी पोर्टल पर प्रक्रिया: जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन करें, फिर Services > Returns > Opt-in for Quarterly Return पर जाएं और योजना चुनें।
अनुकूलनशीलता: अगर आप इस योजना को छोड़ना चाहते हैं, तो आप अगली तिमाही में मासिक रिटर्न पर वापस जा सकते हैं।
उदाहरण: अगर आप जुलाई-सितंबर 2025 के लिए QRMP योजना चुनना चाहते हैं, तो आपको 1 मई 2025 से 31 जुलाई 2025 के बीच जीएसटी पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
7. निष्कर्ष
QRMP योजना छोटे व्यवसायियों के लिए जीएसटी अनुपालन (GST Compliance) को आसान बनाने का एक शानदार तरीका है। यह न केवल आपके रिटर्न फाइलिंग (Return Filing) का बोझ कम करती है, बल्कि आपके समय और पैसे की भी बचत करती है। अगर आपका बिक्री 5 करोड़ रुपये से कम है और आप नियमित जीएसटी करदाता हैं, तो यह योजना आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है। इसे चुनने से पहले, सुनिश्चित करें कि आपके पिछले रिटर्न जमा हैं और आप इसकी शर्तों को पूरा करते हैं। जीएसटी पोर्टल पर जाकर इसे आसानी से चुन सकते हैं और अपने व्यवसाय को और सुचारू रूप से चला सकते हैं।
लेख सह ChatGPT : प्रकाश कुमार— सीए अभियार्थी
अस्वीकरण- यह लेख सिर्फ जानकारी हेतू प्रेषित है, समय-समय पर इसके नियम-कानून अथवा कुछ चीजें परिवर्तनीय हो सकती है।