न्यूज डेस्क:- रक्षा मंत्रालय द्वारा मंगलवार को भारतीय सेना से जुड़ने के लिए प्रस्तावित विशेष योजना अग्निपथ को लेकर देशभर के युवाओं में उबाल है. दरअसल, केंद्र की इस योजना के तहत 17 साल 6 महीने से लेकर 21 साल तक के युवाओं को चार सालों के लिए सेना में रखा जाना है.
इस परियोजना के कई प्रावधानों को लेकर गुरूवार को देश के अलग-अलग हिस्सों में युवाओं ने जमकर नारेबाजी की और हिंसक विरोध प्रदर्शन किए.
बिहार से लेकर मध्य प्रदेश के ग्वालियर तक, साथ ही हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और यहां तक कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुछ हिस्सों में सशस्त्र बलों के लिए नई ‘अग्निपथ’ भर्ती योजना के खिलाफ गुरुवार को जबरदस्त हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. मध्य प्रदेश के बिड़लानगर रेलवे स्टेशन से तोड़फोड़ की कई तस्वीरें सामने आईं. यहां प्लेटफॉर्म पर रखे कचरे के डिब्बे में आग लगा दी गई और कुछ ट्रेनों की खिड़कियां भी प्रदर्शनकारियों द्वारा तोड़ दी गईं.
ग्वालियर और बिरलानगर रेलवे स्टेशनों पर लगभग 1,000 से 1,200 युवा आंदोलन कर रहे थे. उन्होंने ट्रेनों पर पथराव किया. मौके पर मौजूद रेलवे कर्मचारियों ने बताया कि वे खुद को चोटिल होने से बचाने के लिए किसी तरह भाग निकले. रेलवे स्टेशनों में तोड़फोड़ के कारण दिल्ली-मुंबई ट्रैक पूरी तरह से प्रभावित हुआ है. उत्तर मध्य रेलवे ने जानकारी दी कि हिंसक प्रदर्शन के कारण अब तक सात ट्रेनें प्रभावित हुई हैं.
वहीं इससे पहले गुरुवार को ही बिहार के सारण जिले के छपरा में गुस्साई भीड़ ने ट्रेन में आग लगा दी. बिहार के ही भभुआ में प्रदर्शनकारियों ने इंटरसिटी एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगा दी और तोड़-फोड़ की. समाचार एजेंसी ANI द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में प्रदर्शनकारियों को ‘अग्निपथ’ योजना को वापस लेने की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए देखा जा सकता है. प्रदर्शनकारियों के ऐसे कई वीडियो भी सामने आएं हैं जिनमें उन्हें पटरियों को अवरुद्ध करते हुए और टायर जलाते हुए देखा जा सकता है.
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने मंगलवार को ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी. इस योजना के तहत 17 साल 6 महीने से लेकर 21 साल तक के युवाओं को चार सालों के लिए सेना में बतौर अग्निवीर भर्ती किया जाएगा. इनमें से 75 प्रतिशत युवाओं को चार साल बाद अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया जाएगा, जबकि शेष 25 फीसद युवा ही स्थाई रूप से सशस्त्र बालों में अपनी सेवाएं दे सकेंगे वो भी ज्यादातर मामलों में बिना ग्रेच्युटी और पेंशन लाभ के.
सेना में भर्ती को लेकर इस नई योजना से देश भर में सशस्त्र बलों के उम्मीदवार आंदोलनरत हैं. युवाओं के आंदोलन को लेकर राजनीती भी खूब हो रही है. जिसमें राहुल गांधी से लेकर अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्षी नेता लगातार बयान दे रहे हैं. हालांकि, सरकार ने अग्निपथ योजना का बचाव करते हुए कहा है कि इसे दो साल से अधिक समय से कार्यरत सशस्त्र बलों के अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद पेश किया गया था.