
गोपालगंज, बिहार। सोमवार की सुबह मांझागढ़ थाना क्षेत्र के जलालपुर गांव के पास पुलिस और कुख्यात अपराधी विकास सिंह कुशवाहा के बीच हुई मुठभेड़ में अपराधी के पैर में गोली लग गई। पुलिस ने उसे घायल अवस्था में मौके से गिरफ्तार कर अस्पताल में भर्ती कराया।
गुप्त सूचना से शुरू हुई कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि विकास अपने गैंग के साथ मांझागढ़ इलाके में किसी नई वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहा है। यह खबर मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। एक विशेष टीम का गठन कर इलाके में घेराबंदी की गई, जिसमें मांझागढ़, भोरे और आसपास के थानों की पुलिस भी शामिल हुई।
ईंट भट्ठा के पास हुआ आमना-सामना
करीब सुबह 6 बजे, पुलिस टीम जब जलालपुर गांव के समीप ईंट भट्ठा के पास पहुंची तो विकास वहां मौजूद था। पुलिस को देखते ही उसने हथियार निकालकर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। चश्मदीदों के अनुसार, विकास ने दो राउंड फायर किए, जिनमें से एक गोली पुलिस की जीप की खिड़की तोड़ते हुए भीतर तक पहुंच गई। गनीमत रही कि कोई पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ।
जवाबी फायरिंग में ढेर
पुलिस ने आत्मरक्षा में तुरंत जवाबी फायरिंग की। एक गोली विकास के दाहिने पैर में लगी, जिससे वह वहीं गिर पड़ा। पुलिसकर्मियों ने उसे काबू में लिया और मौके पर ही प्राथमिक उपचार के बाद गोपालगंज सदर अस्पताल भेज दिया।
सारण का कुख्यात, कई गंभीर मामलों में वांछित
22 वर्षीय विकास सिंह कुशवाहा मूल रूप से सीरिस्पुतार, जनता बाजार (छपरा) का निवासी है और स्वर्गीय कृष्णा सिंह का बेटा है। कम उम्र में ही उसने अपराध की दुनिया में कदम रख लिया था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वह हत्या, लूट, रंगदारी और आर्म्स एक्ट के कई मामलों में वांछित था।
हाल ही में वह धर्मपरसा गांव स्थित एक ज्वेलर्स की दुकान में दिनदहाड़े हुई लूट की घटना में शामिल पाया गया था। इस वारदात में लाखों रुपये के जेवरात और नकदी लूट ली गई थी। उस घटना के बाद से ही पुलिस लगातार उसकी तलाश में थी, लेकिन वह हर बार चकमा देकर फरार हो जाता था।
इलाके में खौफ का माहौल
स्थानीय लोगों के मुताबिक, विकास का नाम सुनते ही लोगों में डर का माहौल बन जाता था। वह रंगदारी वसूलने और धमकाने के लिए कुख्यात था। कई व्यापारी और दुकानदार उसकी वजह से परेशान रहते थे। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।
अस्पताल से अपराध छोड़ने का ऐलान
गोपालगंज सदर अस्पताल में इलाज के दौरान विकास ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह अब अपराध की दुनिया छोड़ देगा। उसने कहा कि वह बिहार छोड़कर बाहर जाएगा और नई जिंदगी शुरू करेगा। साथ ही उसने यह भी स्वीकार किया कि वह ज्वेलर्स दुकान लूटकांड में शामिल था।
पुलिस की बड़ी सफलता
एसपी अवधेश दीक्षित ने कहा, “यह हमारी टीम के लिए बड़ी सफलता है। लंबे समय से हम इस अपराधी के पीछे थे। उसकी गिरफ्तारी से कई पुराने मामलों की गुत्थी सुलझेगी और इलाके में अपराधियों के हौसले पस्त होंगे।”
अगली कार्रवाई
पुलिस अब विकास से पूछताछ कर उसके अन्य साथियों और गैंग के नेटवर्क की जानकारी जुटा रही है। संभावना है कि आने वाले दिनों में उसके गिरोह के अन्य सदस्यों पर भी बड़ी कार्रवाई हो।