
सारण डेस्क -: छपरा मुजफ्फरपुर NH 722 के रेवाघाट पुल के पर कन्टेनर एवं पिकअप में हुई आमने-सामने की टक्कर में सब्जी के लिए पटना जा रहा पिकअप पुल की रेलिंग तोड़ते गंडक नदी में गिर गया। मंगलवार की अहले सुबह करीब तीन बजे NH-722 पर रेवाघाट पुल के पास एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। मोतीपुर से पटना की ओर जा रही एक पिकअप गाड़ी और हरियाणा से मुजफ्फरपुर की तरफ जा रहे कंटेनर में जोरदार टक्कर हो गई। इस टक्कर के बाद कंटेनर का आगे का हिस्सा पुल से बाहर लटक गया जबकि पिकअप वाहन नदी में गिर गया।


इस हादसे में पिकअप मालिक और सब्जी व्यवसायी पप्पू साह, पिता रघुनाथ साह, निवासी ग्राम मोतीपुर, जिला मुजफ्फरपुर की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं पिकअप चालक गौतम कुमार, पिता सुकन राय, ग्राम वैशाली, जिला वैशाली गंभीर रूप से घायल हो गए।
पीछे से आए ट्रक चालक ने दिखाई मानवता
हादसे के बाद घायल चालक गौतम कुमार को पीछे से आ रहे एक अन्य ट्रक चालक ने जान जोखिम में डालकर रस्सी के सहारे बाहर निकाला और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मकेर पहुंचाया। वहाँ से प्राथमिक उपचार के बाद घायल को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।
पुलिस और राहत दल ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
हादसे की सूचना मिलते ही सरैया थाना की पुलिस मौके पर पहुँची और पुल पर लटक रहे कंटेनर को निकालकर थाना ले गई। वहीं नदी में गिरे पिकअप को बाहर निकालने के लिए बड़ा क्रेन मंगाया गया। छपरा से पहुंची एसडीआरएफ और गोताखोरों की टीम ने पानी में उतरकर पिकअप को खोजा और उसमें क्रेन की चैन बांधकर उसे बाहर निकाला।

करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हुआ, तब जाकर सड़क पर यातायात बहाल हो सका।
तीन किलोमीटर लंबा जाम, राहगीर परेशान
इस दर्दनाक हादसे के चलते रेवाघाट पुल के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। करीब तीन किलोमीटर तक जाम लग गया, जिससे सुबह-सुबह कार्यालय, स्कूल और बाजार जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
अब तक लापता है पप्पू साह का शव
दुर्घटना के बाद नदी में गिरे पप्पू साह का शव समाचार लिखे जाने तक नहीं मिल सका था। एसडीआरएफ की टीम अब भी शव की तलाश में जुटी हुई है। स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत कार्यों पर नजर रखी जा रही है।
परिजनों में मचा कोहराम
इस दर्दनाक हादसे की खबर जैसे ही मोतीपुर स्थित पप्पू साह के घर पहुंची, वहाँ कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। आसपास के लोग ढांढस बंधाने में लगे हैं।