शिक्षा विभाग ने सभी हेडमास्टरों को भेजा गाइडलाइन।
स्कूलों में पढ़ाई हो रही है या नहीं, शिक्षक हैं या नहीं सरकार को इसकी चिंता नहीं- प्रशांत किशोर
छपरा, सारण
बिहार में शिक्षा विभाग ने नया आदेश जारी किया है, जिसमें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बैठक के बाद सभी हेडमास्टरों को निर्देश जारी किया है। गाइडलाइन में पुरुष शिक्षकों को जहां दाढ़ी बढ़ाकर आने और महिला टीचर्स को भड़काऊ और चमकीले कपड़े पहनकर आने पर रोक लगाया गया है।
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया है। कहा है कि सरकार ने पिछले पांच सालों में स्कूल में पढ़ाई हो रही है या नहीं, शिक्षक हैं या नहीं इसकी चिंता नहीं की। हर गांव व हर पंचायत में स्कूल खोल दिए हैं। जहां नहीं खोले हैं, वहां स्कूलों को उत्क्रमित कर दिया गया। बिहार में न नियमित शिक्षक हैं, न विद्यालय। मेरा नौ महीनों का अनुभव ये है कि स्कूलों में खिचड़ी बंट रही है और कॉलेजों मे डिग्री, पढ़ाई दोनों ही जगहों पर नहीं हो रही। इन नौ महीनों में मैं पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सारण, शिवहर, गोपालगंज, वैशाली व अन्य जगहों पर जा चुका हूं।
नौ महीने में जहां-जहां गया सभी लोगों ने बदहाल शिक्षा की कही बात- प्रशांत
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बीते नौ महीने से मैं यात्रा कर रहा हूं, जहां-जहां मैं गया, वहां पर शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त होने की बात लोगों ने बताई है। बिहार में शिक्षा व्यवस्था बीते 17 वर्षों में ध्वस्त हुई है। जो इन स्कूलों से पढ़कर निकले हैं, वे कभी भी पढ़े लिखे समाज की बराबरी नहीं कर पाएंगे।