बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है. इसे लेकर अभी से सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारी में जुट चुकी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 दिसंबर से प्रगति यात्रा पर निकल रहे हैं.
उससे पहले बिहार विपक्षी नेता तेजस्वी यादव कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद यात्रा पर निकले हैं.
‘कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद यात्रा’ पर निकले तेजस्वी यादव
विधानसभा चुनाव साधने के लिए तेजस्वी सीमांचल दौरे पर हैं. तेजस्वी ने कटिहार, पूर्णिया, अररिया दौरा कर मुस्लिम वोटर्स को साधने की कोशिश की. सीमांचल की बात करें तो क्षेत्र में कुल 24 विधानसभा सीटें हैं. जिसमें सबसे ज्यादा मुस्लिम वोटर्स किसी को भी विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं.
मुस्लिम वोटर्स को लुभाने की तैयारी में तेजस्वी
तेजस्वी ने अपने सीमांचल दौरे में सबसे पहले सीमांचल कोशी के विकास का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि सीमांचल बिहार का सबसे पिछड़ा हुआ इलाका है अगर प्रदेश में उनकी सरकार आती है तो वह सबसे ज्यादा सीमांचल का विकास करेंगे.
सीमांचल के नाम पर तेजस्वी ने खेला ‘दांव’
इसके साथ ही पड़ोसी राज्य झारखंड की तरह ही महिला वोटर्स को लुभाने के लिए भी तेजस्वी ने बड़ी घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा कि बिहार में आरजेडी की सरकार बनेगी तो वह माई बहिन मान योजना की शुरुआत करेंगे. इस योजना की तहत जो भी महिला इस योजना की लाभार्थी बनेंगी, उन्हें हर महीने 2500 रुपये दिए जाएंगे.
माई बहिन मान योजना से बिहार में बदलेगा समीकरण
बता दें कि आरजेडी की बात करें तो वह हमेशा से MY समीकरण पर ही दांव खेलती आ रही है. बिहार में मुस्लिम यादव वोटर्स आरजेडी सपोर्टर हैं. 2020 विधानसभा चुनाव की बात करें तो सीमांचल की कुल 24 सीटों में से 12 सीटों पर एनडीए ने जीत हासिल किया था. वहीं, आरजेडी प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई थी, लेकिन बहुमत साबित नहीं कर पाई थी. जिसके बाद प्रदेश में एनडीए की सरकार बनी नीतीश कुमार सूबे के मुख्यमंत्री बने.