पटनाः आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों को सोमवार को पटना सिविल कोर्ट में पेशी के लिए जाना पड़ा. आरजेडी विधायक तेज प्रताप यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दोनों भाई पर एक केस दर्ज था जिसको लेकर उन्हें आज पेशी के लिए जाना पड़ा. पूरा मामला कोरोना गाइडलाइंस से जुड़ा हुआ है.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई विधायक तेज प्रताप यादव की कोर्ट में पेशी थी. तेजस्वी और तेजप्रताप के ऊपर कोरोना गाइडलाइन को तोड़ने का एक मामला दर्ज किया गया था. इसी मामले में दोनों भाईयों की पेशी हुई है.
कोरोना गाइडलाइन तोड़ने का आरोप
मामला साल 2021 का है. जुलाई महीने में गोपालगंज में अपनी पार्टी के नेता की हत्या के बाद तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव गोपालगंज जाने के लिए अपने आवास से निकले थे. पटना आवास से निकलते वक्त उनके साथ बड़ी तादाद में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे.
गोपालगंज का है मामला
उस समय कोरोना काल चल रहा था. इसको देखते हुए पुलिस ने उन्हें कोरोना गाइडलाइन का हवाला देते हुए रोक दिया था. इस मामले को लेकर 10 सर्कुलर आवास के बाहर कई घंटों तक बवाल चला था. तेजस्वी यादव गोपालगंज जाने की जिद पर अड़े हुए थे. हालांकि प्रशासन ने उन्हें कोरोना गाइडलाइन का हवाला देते हुए यात्रा से रोक दिया था. इसी मामले में तेजस्वी और तेजप्रताप के ऊपर केस दर्ज किया गया था.
फिर चर्चे में तेज प्रताप
इधर, लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर से चर्चा में हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर रामनवमी के दिन एक पर्चा अपने इंटनेट मीडिया अकाउंट पर शेयर किया. इसमें लिखा है एंट्री नीतीश चाचा, जबकि इससे पहले तेज प्रताप ने राबड़ी आवास के बाहर नो एंट्री नीतीश चाचा का पर्चा मीडिया कर्मियों को दिखाया था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा है कि तेज प्रताप जब नो इंट्री कह रहे थे उस वक्त भी जदयू वहां जाने को इच्छुक नहीं था और आज जब इंट्री की बात कर रहे हैं तब भी हम वहां जाने के इच्छुक नहीं हैं.