छपरा, सारण
सारण शिक्षक निर्वाचन उप चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी प्रो. रंजीत कुमार ने अपने समर्थकों के साथ मंगलवार को शहर के बी सेमिनरी, सारण एकेडमी, गंगा सिंह कॉलेज, ब्राह्मण हाई स्कूल, लोकमान्य उच्च विद्यालय, साधु लाल पृथ्वी चंद, सैयद महमूद, राम जयपाल कॉलेज, पीसी साइंस कॉलेज, गर्ल्स स्कूल, जिला स्कूल, जिला स्कूल नवस्थापित, राजपूत उच्च विद्यालय, जगदम कालेज, गांधी उच्च विद्यालय, राजेंद्र कॉलेज, अब्दुल कयूम, राजेंद्र कॉलेजिएट इत्यादि विद्यालयों में सैकड़ों समर्थकों के साथ शिक्षकों से संपर्क किया गया।
सैकड़ों समर्थकों के साथ विद्यालय पहुंचने पर शिक्षकों में काफी उत्साह मिली। प्रो. रंजीत कुमार ने बताया कि अनौपचारिक रूप से आज चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है। बुधवार और गुरुवार को तो लगभग छुट्टी ही है। कुल मिलाकर चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है। उन्होंने कहा आज हम लोगों ने विद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों का वित्त रहित संस्कृत वाले हो, मदरसा वाले हो या किसी भी कोटि के शिक्षक हो उनकी तमाम समस्याओं पर मैं निरंतर कार्य करता रहा हूं। उनकी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाता रहा हूं। इसलिए पांचों जिला में शिक्षकों का एक तरफा रुझान हम लोगों के पक्ष में है। आप लोग आज से दो दिन चुकी जो एक प्रकार से अनौपचारिक होगा उसमें जो जहां है अपने-अपने क्षेत्र में घर-घर शिक्षकों के बीच मतदाताओं के बीच जाने का काम करेंगे।
वहां तक हम लोगों की बात पहुंचाएंगे खुद को प्रत्याशी समझेंगे और जिन विद्यालयों में समय अभाव के चलते हम लोग नहीं पहुंच पाए हैं वहां हमारे प्रतिनिधि जिला में पहुंचे हैं जिन विद्यालयों में नहीं पहुंचा हूं वहां के शिक्षकों से खेद करते हुए मेरा निवेदन होगा और यह आप का चुनाव है। 3 साल के बाद हमारे कार्यों का मूल्यांकन करेंगे उनकी तमाम समस्याओं पर 3 साल का मौका मिला तो उनकी तमाम समस्याओं पर पूरी ईमानदारी से पूरी गंभीरता से पूरी समर्पण भाव से सड़क से सदन तक संघर्ष करेंगे और जिन मुद्दों पर आसानी से सफलता मिली है उन मुद्दों पर हम लोग संघर्ष करके शिक्षकों को उनका हक दिलाने का काम करेंगे। बिहार के किसी राजनीतिक दल के एजेंडे में शिक्षा और शिक्षक नहीं है।आज तक जितने भी लोग सदन तक पहुंचे शिक्षकों के हक हुकूक के लड़ाई को ठीक ढंग से नहीं लड़ी। आज संगठन के द्वारा शिक्षकों पर आस्था रखते हुए नियोजित शिक्षकों ने 20 वर्षों का समय संगठन के मुखिया को दे रखा था लेकिन शिक्षकों ने क्या खोया और क्या पाया। यह विचारणीय बिंदु है। संबोधन में स्पष्ट रूप से शिक्षकों के हक की लड़ाई लड़ने की बात कहीं गई। मैं निश्चित रूप से आपके अपेक्षा और विश्वास पर खरा उतरूंगा और सभी ने यह तय कर लिया की प्रचंड बहुमत से इस बार जीत सुनिश्चित होगा। शहर में सैकड़ों शिक्षकों के समर्थन के हुजूम देखकर इस बार सभी जगह पर चर्चा होने लगी कि इस बार की जीत निश्चित रूप से रंजीत कुमार के पाले में जाएगी। सुजीत टीम के सहयोग से निश्चित रूप से इस बार रंजीत कुमार भारी मतों से विजयी होगे। शहर के विभिन्न विद्यालयों में संपर्क अभियान के दौरान सभी शिक्षकों के चेहरों पर गजब की उत्साह देखने को मिली।
सभी शिक्षक ने एक स्वर में प्रो. रंजीत कुमार के समर्थन में हामी भरी कि निश्चित रूप से इस बार हम सभी लोग प्रथम वरीयता का मत देकर अपनी लड़ाई के अगुआ को निश्चित रूप से सदन तक भेजने का संकल्प लेते हैं। संपर्क अभियान में मुख्य रूप से सुजीत कुमार, सुनील बैठा, शैलेश कुमार यादव, राजेश शुक्ला, विनोद ठाकुर, अनिल कुमार सिंह, जितेंद्र राम, कृष्ण मुरारी, सुनील कुमार, उत्तम कुमार, ज्योति भूषण सिंह, कृष्ण मुरारी, दिलीप रस्तोगी, रामनरेश शर्मा, बबलू गुप्ता, पंकज चौधरी, मिथिलेश कुमार, डॉ रामेद्र प्रसाद, आशुतोष मिश्रा, नवीन कुमार, विकास कुमार, चंदन कुमार गुप्ता, पंकज कुमार, शैलेश कुमार यादव, टिंकू कुमार, रूपनारायण कुमार, मंटू कुमार, प्रदीप वर्मा, संजेश रजक आदि सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे।