* शत-प्रतिशत बायोमेट्रिक पद्धति से उपस्थिति दर्ज करना होगा अनिवार्य
* ड्यूटी पर कार्यरत चिकित्सकों का नाम फोटो सहित लगाने का दिया गया निदेश
छपरा, सारण
जिला पदाधिकारी सारण, अमन समीर की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक शनिवार को समाहरणालय सभागार में आहूत की गई। जिला पदाधिकारी ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार हेतु प्रयासरत है। इस दिशा में जिला प्रशासन प्रशासनिक स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की सभी समस्याओं का हल करने हेतु तत्पर है। सर्वप्रथम चिकित्सकों की उपस्थिति पर चर्चा करते हुए सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर शत-प्रतिशत बायोमेट्रिक पद्धति से उपस्थिति दर्ज करने को अनिवार्य बताया गया। अगली बैठक में पूरे महीने का बायोमैट्रिक पद्धति से दर्ज उपस्थिति का प्रतिवेदन देने का निदेश दिया गया। वैसे चिकित्सक जिन्होंने ओ.पी.डी. में कम मरीजों को देखा है, उनसे स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया गया। सभी चिकित्सा केन्द्रों में उपस्करो का रख रखाव व्यवस्थित ढंग से रखने को निदेश दिया गया। इसके लिए विहित प्रपत्र में सभी प्रभारी चिकित्सक जानकारी देगें कि उनके पास के सभी उपस्कर कार्यरत है अथवा नहीं। खराब होने पर कितने दिनों में बनवाया गया इसकी भी जानकारी चिकित्सकगण देंगे।
सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में रखे दवाओं के वैधता समय की जाँच प्रत्येक महीने की जाएगी। इसके लिए विहित प्रपत्र में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी प्रत्येक महीने दवाओं की उपलब्धता एवं वैद्यता की सम्पूर्ण जानकारी देंगे। इस व्यवस्था के तहत एक्सपायरी दवाओं का विनष्टीकरण किया जाएगा। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर ड्यूटी पर कार्यरत चिकित्सकों का नाम फोटो सहित लगाने का निदेश दिया गया। घायल मरीजों का इंज्यूरी रिपोर्ट सी. सी. टी.वी. कैमरा के सामने बनाने का निर्देश दिया गया। एम्बुलेस के परिचालन का अनुश्रवण सही ढंग से करने का निर्देश दिया गया। अस्पताल में अवैध निजी एम्बुलेंस मिलने पर जप्त करने का निदेश दिया गया।
सभी कर्मी अपना परिचय पत्र जरूर लगायेंगे। इसकी व्यवस्था प्रभारी चिकित्सा प्रभारी करेंगे। जिलापदाधिकारी ने जानकारी दी कि निकट भविष्य में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दी जा रही सभी सुविधाओं की मानिटरिंग ऑनलाइन पद्धति से की जाएगी। आशा से उनकी देखरेख में रहने वाली गर्भवती महिला के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी विहित प्रपत्र में निश्चित रूप से देने का निदेश दिया गया। जिला पदाधिकारी ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अपने कर्तव्य स्थल से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित चिकित्सकों के विरुद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। प्रत्येक महीने कम से कम एक बार सभी प्रखण्डों में प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, थाना प्रभारी एवं प्रभारी चिकित्सक संयुक्त रूप से अपने क्षेत्रान्तर्गत अवैध नर्सिंग होम, अल्ट्रा साउण्ड केन्द्र, पैथालोजी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करेंगे। जिला स्तर पर भी सख्त कार्रवाई हेतु धावादल का गठन किया जाएगा। मरीजों के स्वास्थ्य की स्तरीय देखभाल हेतु स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाने की कवायद लगातार जारी रहेगी।
स्वास्थ्य केन्द्र पर आधारभूत संरचनाओं को विकसित किया जाएगा। स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वच्छ पीने का पानी, बैठने की व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था निश्चित रूप से रखने को निदेशित किया गया। चिकित्सक जेनरिक दवाएँ निश्चित रूप से लिखें। रोगी कल्याण समिति को सक्रिय करने एवं सकारात्मक पहल करने को कहा गया। जिन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक्स-रे मशीन नहीं है, वहाँ एक्स-रे मशीन की माँग, स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार से करने को कहा गया। जिन स्वास्थ्य केन्द्रों में चहारदीवारी नहीं है, वहाँ चहारदीवारी बनवाया जाएगा। मकेर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जिला में प्रथम स्थान दिया गया। जिला पदाधिकारी ने अगली बैठक के पूर्व अन्य सुविधाओं को भी रैंकिंग के पारा मीटर में जोड़ने का निदेश दिया।
बैठक में उपविकास आयुक्त सारण, प्रियंका रानी, सिविल सर्जन, जिला के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सा पदाधिकारी, सभी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं विभिन्न पार्टनर एजेन्सी के प्रतिनिधिगण उपस्थि थे।