तरैया, सारण
तरैया प्रखंड के नारायणपुर पोखरेड़ा पर स्थित ठाकुरबाड़ी मंदिर परिसर में आयोजित श्री राम महायज्ञ एवं नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के चौथे दिन राम जन्मोत्सव मनाया गया। संत श्रीधर दास जी महाराज, संत नारदजी महाराज और गणमान्य लोगों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर श्रद्धालु भगवान श्रीराम सहित चारों भाइयों के जन्म कथा का श्रवण कर झूम उठे।
जन्मोत्सव कथा के दौरान राम जन्म की अद्भुत झांकी प्रस्तुत की गई। कथावाचक माधवी सरस किशोरी जी ने राम जन्म प्रसंग की ऐसी व्याख्या की कि श्रोता भावविभोर हो उठे। कथा वाचन के दौरान उन्होंने कहा कि तीन कल्प में तीन विष्णु का अवतार हुआ है और चौथे कल्प में साक्षात भगवान श्रीराम माता कौशल्या के गर्भ से अवतरित हुए हैं। उन्होंने कहा कि एक बार माता सती भगवान शंकर बिन बताए ही माता सीता का रूप धारण कर भगवान राम की परीक्षा लेने चली गईं। लेकिन भगवान श्रीराम ने उन्हें पहचान कर पूछ लिया, हे माता आप अकेले कहां घूम रही है। लेकिन भगवान शंकर ने ध्यान लगाकर सती की ओर से भगवान श्रीराम की परीक्षा लेने की बातें जान ली।
जिसके बाद भगवान शंकर इस सोच में पड़ गए कि सती माता सीता का रूप धारण कर भगवान श्रीराम की परीक्षा लेने चली गई। स्वामी जी ने आगे कहा कि माता सती के पिता राजा दक्ष के यहां यज्ञ हो रहा था। जिसमें शामिल होने के लिए माता सती ने भगवान से अपनी इच्छा जाहिर की थी। जिस पर भगवान शंकर ने माता सती से कहा कि तुम्हारे पिता ने यज्ञ में आने के लिए हम लोगों को आमंत्रित नहीं किया है। वहीं उन्होंने बताया कि माता-पिता, गुरु व मित्र के घर जाने के लिए आमंत्रण की जरूरत नहीं होती है। जहां मान नहीं हो वहां बिन बुलाए जाना भी नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि भगवान शंकर की बात की अवहेलना कर माता सती अपने पिता राजा दक्ष के घर पहुंच गई। लेकिन यज्ञस्थल के निकट भगवान शंकर का स्थान नहीं देख क्रोध में आकर यज्ञ विध्वंस करने की नियत यज्ञ कुंड में कूदकर अपने शरीर का त्याग कर दी थी।
जिसके बाद माता सती ने घोर तपस्या कर राजा हिमाचल व रानी मैना के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया। फिर माता पार्वती से भगवान शंकर का विवाह हुआ और दोनों कैलाश पर्वत जाकर रहने लगे। संगीतमय श्रीराम कथा सुनने के लिए हर शाम बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो रही है। श्रीराम कथा के अमृत वर्षा में श्रद्धालु गोता लगा रहे है। दोपहर छह बजे से लेकर 10 बजे रात्रि तक श्रीराम कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।
मौके पर मुख्य रूप से आचार्य सुकेश त्रिवेदी, मुखिया अमित सिंह, दिलीप गुप्ता, प्रिय रंजन युवराज, नीतेश सिंह पूर्वसरपंच, संजीव चौबे, डा. ओ पी यादव, सरपंच संघ के प्रदेश महासचिव सुनील तिवारी, उपेन्द्र पांडेय, राम जी सिंह, सरपंच राज बल्लभ प्रसाद, राजशेखर पांडेय, सुपन राय, लीलाधर राय, सुरजीत सिंह, शशि सिंह, मुन टुन सिंह, आलोक उपाध्याय, रवि कुमार, राणा सिंह, विजय भारद्वाज, राम नरेश सिंह, नंद किशोर यादव, शंकर राय, तारकेश्वर राय पूर्व मुखिया, विश्वनाथ राय, अभय दुबे, विजय साह, निरज कुमार, अरुण सिंह, मनोज महतो सहित हजारों भक्त उपस्थित थे।