श्रद्धालुओं को उबड़खाबड़ रास्तों से गुजरना पड़ेगा
सारण :- जिले के पानापुर प्रखंड अंतर्गत गंडक नदी के किनारे स्थित सारंगपुर डाकबंगला घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर लगनेवाला मेला प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है।
कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या से शुरू 24 घंटे के इस मेले में सारण के अलावे सिवान, गोपालगंज आदि जिलों के हजारों श्रद्धालु इस मेले में पहुँचते है एवं गंडक नदी के पावन जल में स्नान कर दानपुण्य करते है।
वही मनौती पूरी होने पर औरतें नदी के घाट पर कोशी भरती है।
इस मेले में लकड़ी से बने फर्नीचर के सामान की खूब बिक्री होती है। लग्न मुहूर्त के मद्देनजर इस मेले में लाखों का कारोबार होने का अनुमान है। इसके बावजूद पुराने सारण तटबंध के किनारे लगनेवाला यह मेला प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है।
सारण तटबंध की स्थिति ऐसी है कि इसपर पैदल चलना भी मुश्किल है वही तटबंध के उबड़खाबड़ रास्ते एवं किनारे उपजे घास के कारण श्रद्धालुओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
हालांकि मेला समिति द्वारा इसकी साफसफाई कराई जाती है जो नाकाफी साबित होता है। अंचल कार्यालय के उदासीन रवैये से मेला में आनेवाले श्रद्धालुओं को इसबार कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।