बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश से प्रदेश में लागू शराबबंदी को और कठोरता से लागू करने की मांग की है. रविवार को कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद यात्रा पर कटिहार पहुंचे तेजस्वी ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात की.
इस दौरान राजद नेता ने कहा कि बिहार के लिए पूर्ण शराबबंदी का कानून बना है तो उसका सख्ती से पालन भी होना चाहिए. मगर ऐसा होता नहीं दिख रहा है. सरकार को चाहिए कि इस मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाकर फैसला लें. सरकार को ठोस पहल करने की जरूरत है. प्रदेश में शराब पीकर कोई जेल चला जाता है तो पूरे परिवार को उसका परिणाम झेलना पड़ता है.
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव
बिहार में हो रही शराब की होम डिलीवरी: तेजस्वी
पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने दावा किया कि प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू है. इसके बाद भी शराब की होम डिलीवरी हो रही है. हम लोग चाहते हैं कि मुख्यमंत्री इस मामले पर सर्वदलीय बैठक बुलाया जाए और बैठक की जाए. सभी लोगों की राय लेकर कोई ठोस निर्णय लिया जाना चाहिए.सरकार को इसमें अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहिए.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी भी शराबबंदी पर उठा चुके हैं सवाल
तेजस्वी से पहले मोदी कैबिनेट में मंत्री जीतन राम मांझी भी कई बार शराबबंदी कानून की समीक्षा की बात कह चुके हैं. एक कार्यक्रम में भाषण देते हुए उन्होंनें कहा था कि शराबबंदी से गरीबों की परेशानी बढ़ गई है. अमीर लोग रात में चुपके से पीते हैं पर गरीब थोड़ा बहुत पीकर पकड़ा जाता है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होती है.
बिहार में मुद्दा क्यों बन रहा शराब?
यह पहली बार नहीं है जब किसी नेता ने शराबबंदी को लेकर ऐसी कोई मांग की है. वह शराब के बहाने महिला वोटरों में अपनी पकड़ बनाना चाहते हैं. दरअसल, राज्य में जहरीली शराब पीने की वजह से मौत की खबरें अक्सर सामने आती है. जिसका असर महिलाओं पर पड़ता है. ऐसे में सभी पार्टियां महिलाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए शराब और शराबबंदी को मुद्दा बना रही है.
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