छपरा, सारण
प्रोफेसर रंजीत कुमार ने सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं को संबोधन में बताया कि 31 मार्च 2023 को सारण शिक्षक विधान परिषद के उपचुनाव हेतु मतदान होना निर्धारित है।मैं हमेशा आपसबों के बीच सक्रिय रहकर आपके सुख दुख का साथी रहा हूँ।सभी कोटि के शिक्षकों की तमाम समस्याओं से मैं पूरी तरह से अवगत हूँ और पत्र के माध्यम से आपकी मांगों को सरकार तक पहुंचाता भी रहा हूँ।चाहे नियोजित शिक्षकों के राज्यकर्मी का दर्जा,वेतनमान, पेंशन,सेवांत लाभ,सावधिक प्रोन्नति, अन्तरजिला स्थानांतरण,वेतन विसंगति,वरीयता जैसे मसले हों या फिर वित्तरहित शिक्षण संस्थानों के बकाया अनुदान,स्थायी सम्बद्धता, घाटा अनुदान या अधिग्रहण का मामला हो या फिर संस्कृत,मदरसा,बी एड महाविद्यालय से संबंधित मसले हों,मैंने लगातार इन मुद्दों पर शिक्षकों की आवाज को सरकार तक पहुंचाने का काम किया है।दुर्भाग्य यह है कि बिहार के किसी राजनीतिक दल के एजेंडे में शिक्षा और शिक्षक नही हैं।
जब पार्टियाँ विपक्ष में होती है तो शिक्षको का हितैषी दिखने का ढोंग करती है और सत्ता में आते ही शिक्षकों को भूल जाती है। इसलिए मैंने आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। शिक्षकों को आजतक जो कुछ भी हासिल हुआ है वह संघर्ष से ही मिला है और मैं संघर्ष के लिए समर्पित व्यक्ति हूँ। ईमानदारी, संघर्षशीलता एवं जुझारूपन ही मेरी पहचान है। मैं बिकने वाला या झुकने वाला व्यक्ति नही हूँ औऱ शिक्षक हित में किसी भी चुनौती का मुकाबला करने का जज्बा एवं जुनून रखता हूँ। यह उपचुनाव बाकी बचे 3 वर्ष के लिए हो रहा है लेकिन काम करने वाले के लिए 3 साल भी कम नही होता है। इसलिए मतदाता मालिकों से विनम्र निवेदन है कि सामाजिक पहचान और राजनीतिक प्रतिबद्धता से ऊपर उठकर मेरे जैसे जमीनी शिक्षक को प्रथम वरीयता का वोट देकर भारी मतों से विजयी बनाएँ। मैं यह वचन देता हूँ कि आपकी उम्मीदों,अपेक्षाओं एवं कसौटियों पर खरा उतरूंगा तथा पूरी ईमानदारी से सड़क से सदन तक संघर्ष करूंगा।