
छपरा— बिहार की सियासत में एक बार फिर से चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है सारण जिला का मढ़ौरा विधानसभा सीट। जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा 11 अक्टूबर को उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की जानी है, और इस सूची पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। विशेष रूप से मढ़ौरा और तरैया विधानसभा सीटों को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
जनसुराज पहले ही बिहार की 50 से अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुका है, जिनमें सारण जिले की सोनपुर, बनियापुर और अमनौर विधानसभा सीटें शामिल हैं। अब दूसरी लिस्ट में मढ़ौरा विधानसभा से संभावित उम्मीदवार को लेकर कयासों का दौर जारी है।
मढ़ौरा सीट का महत्व
मढ़ौरा विधानसभा सीट इसलिए खास मानी जाती है क्योंकि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जिनमें मढ़ौरा से अल्ताफ आलम राजू भी शामिल थे। लेकिन उस चुनाव में जदयू का कोई भी मुस्लिम उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर पाया था। इसके बाद से ही यह सीट राजनीतिक दृष्टि से चर्चा में बनी हुई है।
मसकूर अहमद खान का नाम सबसे आगे
सूत्रों के अनुसार, जनसुराज की आगामी लिस्ट में मढ़ौरा विधानसभा से पूर्व राजद के युवा नेता और सारण जिला के पूर्व युवा राजद अध्यक्ष मसकूर अहमद खान का नाम शामिल हो सकता है। मसकूर अहमद खान पहले नगरा जिला परिषद क्षेत्र से जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर चुके हैं और वे सारण जिले के जाने-माने समाजसेवी इसरार अहमद खान के बड़े पुत्र हैं।
मसकूर खान ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने निजी खर्च से क्षेत्र के जरूरतमंदों तक राहत सामग्री, राशन और आर्थिक सहायता पहुंचाई थी। इसके अलावा वे गरीबों और असहायों की चिकित्सा सहायता में भी सक्रिय रहे हैं। मढ़ौरा और नगरा प्रखंड में उनके समर्थकों की एक बड़ी संख्या है, खासकर युवाओं में उनकी लोकप्रियता सबसे अधिक मानी जाती है।
प्रशांत किशोर से हुई कॉल पर बात?
सूत्र बताते हैं कि पिछले चार दिनों से जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर और मसकूर अहमद खान के बीच लगातार संपर्क बना हुआ है। प्रशांत किशोर ने उनसे मढ़ौरा से चुनाव लड़ने की सहमति मांगी है। हालांकि अब तक मसकूर खान की ओर से कोई औपचारिक जवाब नहीं आया है। ऐसे में आज जनसुराज की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आने वाली दूसरी सूची से यह साफ हो जाएगा कि मढ़ौरा विधानसभा से कौन उम्मीदवार बनेगा।
जदयू में भी मंथन जारी
दूसरी ओर, जदयू में भी मढ़ौरा सीट को लेकर अंदरूनी चर्चा तेज है। यदि पार्टी वर्तमान जिला अध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू को दोबारा टिकट नहीं देती है, तो माना जा रहा है कि मसकूर अहमद खान जनसुराज के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतर सकते हैं। हालांकि यह अभी सिर्फ एक राजनीतिक अनुमान है, अंतिम निर्णय प्रशांत किशोर और जनसुराज नेतृत्व के हाथों में है।
क्षेत्र में बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी
जनसुराज की इस संभावित घोषणा से मढ़ौरा और आसपास के क्षेत्रों में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। कार्यकर्ता, समर्थक और स्थानीय जनता इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि आखिर 11 अक्टूबर को किसके नाम पर मुहर लगती है।
अगर मसकूर अहमद खान मैदान में उतरते हैं, तो मढ़ौरा विधानसभा में मुकाबला बेहद रोचक और त्रिकोणीय हो सकता है।