छपरा, सारण
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के हाजीपुर प्रखंड में मीडिया से संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि समाज को समझ है कि उनके लिए समाज में क्या गलत है और क्या सही है। अलग बात है कि समाज के लोग कई बार अपना रुख सामने रखते हैं, कई बार नहीं रखते हैं। आप मीडिया के लोगों का कहना है कि समाज जातियों से ऊपर नहीं उठ पाएगा। हम तो हर प्रेस कांफ्रेंस में बता रहे हैं कि समाज ने हमारे सामने पहले भी कई ऐसे उदहारण अपने वोट के माध्यम से रखें हैं, जहां उन्होंने जातियों से ऊपर उठ कर समाज के लिए वोट किया है। जरूरत बस इस बात की है कि एक प्रयास ईमानदारी से किया जाए।
इफ्तार पार्टी को तो मैं कोई नोटिस में भी नहीं लेता हूं। एक ओर तेजस्वी इफ्तार पार्टी कर रहे हैं, दूसरी तरफ उनके पार्टी के नेता को ही उनके समाज के लोगों ने बहिष्कार कर दिया। उन समाज के लोग ही उन्हें वोट नहीं किए, इसलिए उन्हें जितना इफ्तार पार्टी करना है, करने दीजिए।
बिहार में सांप्रदायिक घटनाओं के बीच लोगों ने अफाक अहमद को एमएलसी चुनाव में जिताया है, ये बड़ी बात है: प्रशांत किशोर
जन सुराज पदयात्रा के दौरान हाजीपुर में मीडिया से संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरी समझ से एक एमएलसी चुनाव का जितना-हारना बहुत बड़ी बात नहीं है। बड़ी बात ये है कि उस चुनाव में वोटर बीजेपी और महागठबंधन ने बनाया था। जिस सीट पर उप-चुनाव हुए वहां पार्टी के नेता को आशा थी कि वोट सहानुभूति पर मिलेगा जो हुआ नहीं।
जिस दिन चुनाव हो रहे थे उन दिनों रामनवमी में बिहार में तीन से चार जगह साम्प्रदायिक घटनाएं घटी। इसके बावजूद लोग धारा से विपरित जाकर एक ऐसे मुस्लिम नेता को जीता कर लाते हैं जिसे शिक्षक के नेता के रूप में कोई नहीं जानता था। एक ऐसा व्यक्ति जिन्होंने अपना कोई वोटर नहीं बनाया था और इससे बड़ी बात एक ऐसा व्यक्ति जो मुस्लिम समाज से आता है, उसको सारण और चंपारण प्रमंडल के बुद्धिजीवियों ने चुनाव में जीत दिलाया है, इससे बड़ी बात आज बिहार में और क्या हो सकती है।
बिहार में समाज की चेतना दब गई है, मरी नहीं है, लोगों को खड़ा कर ऐसी व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं जो देश के लिए रोल मॉडल हो: प्रशांत किशोर
प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा कर के कोई गांधी नहीं बन सकता। मैंने तय किया है कि मुझे लोगों की मदद करनी है। जिसको भी लोग समाज में निकालेंगे उसकी मदद जन सुराज करेगा। बिहार के लोगों पर मेरा विश्वास है कि उनकी चेतना दब गई है, मरी नहीं है। बिहार के लोगों को जागरूक कर इसे फिर से एक नया रंग दिया जा सकता है।