छपरा, सारण।
जन सुराज पदयात्रा के 178वें दिन की शुरुआत सारण के अमनौर प्रखंड अंतर्गत धरहरा खुर्द पंचायत स्थित धरहरा मठिया स्कूल मैदान में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ धरहरा खुर्द पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा अपहर, भेल्दी, शोभेपुर होते हुए अमनौर प्रखंड अंतर्गत कटसा पंचायत के अरना कोठी फार्म मैदान में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। आज प्रशांत किशोर सारण के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच गए। उनकी स्थानीय समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 4 आमसभाओं को संबोधित किया और 5 पंचायत के 12 गांवों से गुजरते हुए 13 किमी की पदयात्रा तय की।
*बिहार में पिछले 75 सालों में भूमि सुधार का कोई काम नहीं हुआ, आज भी 100 में 60 लोग भूमिहीन हैं: प्रशांत किशोर*
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के परसा में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में 100 में से 60 आदमी के पास बिल्कुल भी जमीन नहीं है। पिछले 75 सालों में भूमि सुधार का कोई काम नहीं हुआ है। बाकी 40 में से 35 आदमी ऐसे हैं जिनके पास 2 बीघा से कम जमीन है। बिहार में जो लोग खेती का काम करते हैं, वो कमाने वाली खेती नहीं करते। वो खेत में वही उगा रहे हैं जो वो पूरे साल खाने में उपयोग कर सकते हैं। सरसों इसलिए उगा रहे हैं कि पूरे साल तेल की कमी न हो। वो ये नहीं सोचते हैं कि उस तेल को बेचकर वो पैसा भी कमा सकते हैं। बिहार में केवल 100 में से 5 आदमी ऐसा है जो कमाने वाली खेती कर रहा है। खेती बिहार में आमदनी का कोई जरिया नहीं है।
*आपके वोट की कीमत 5 किलो अनाज या राशन कार्ड नहीं है, आपके वोट की कीमत आपके बच्चों का भविष्य है: प्रशांत किशोर*
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के परसा में आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आप वोट देते हैं जाति पर तो जाति की चर्चा बिहार में हर जगह होती है। आप जिन चीजों पर वोट देते हैं, कम चाहे ज्यादा आपको वही मिलता है। आप वोट देते हैं मोदी जी के 56 इंच के सीने को देखकर तो सुबह-शाम आपको टीवी पर मोदी जी का सीना फूलता हुआ दिखता ही है। आप खेती-किसानी वाले लोग हैं, आप जो बीज लगाते हैं, वही आपको मिलता है। आप बबूल बोते हैं तो आम नहीं मिलेगा। हम पदयात्रा वोट मांगने के लिए नहीं कर रहे हैं। आपको समझा रहे हैं कि अपना नहीं तो अपने बच्चों का चेहरा देखिए। जब तक आप अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट नहीं दीजिएगा तब तक आपकी दशा नहीं सुधर सकती है। वोट आप चाहे किसी को दीजिए लेकिन वोट दीजिए अपने बच्चों के भविष्य के नाम पर, आपके वोट की कीमत 5 किलो अनाज नहीं है। आपके वोट की कीमत राशन कार्ड नहीं है और आपके वोट की कीमत नाली गली नहीं है। आपकी वोट की कीमत है आपके बच्चों का भविष्य।