सारण :- जिले के मढ़ौरा प्रखंड अंतर्गत गरीबों को सस्ते दर पर मिलने वाले खदान वितरण करने वाले पॉस मशीन का लगातार सर्वर काम नहीं करने के कारण खिलौना साबित हो रहा है। जहां अक्टूबर माह में छठ जैसे महान पर्व जो कि बिहार में बड़े ही धूमधाम से महिलाएं पुरुषों मनाते हैं।
इस त्यौहार को मनाने के लिए विशेष रूप से गेहूं की जरूरत लोगों को होती है।
सरकार के द्वारा राशन कार्ड धारियों को मात्र 1 किलो प्रति व्यक्ति ही गेहूं मुहैया कराई जा रही है और वह भी गेहूं जन वितरण दुकानों से कार्ड धारियों को मिलना है वह वह छठ पूजा के पहले राशन दुकानों का चक्कर तो लगा रहे हैं लेकिन सर्वर की समस्या के वजह से पॉस मशीन काम नहीं कर पा रहा है।
जिसके कारण विक्रेता राशन देने में असमर्थता जाहिर कर रहे हैं।
बताया जाता हैं की उपभोक्ता को बार-बार अंगूठे का सत्यापन करने के लिए बुला रहे हैं जिसके वजह से जनवितरण दुकानदारों और उपभोक्ताओं के बीच नोकझोंक एवं कहासुनी भी हो रही है जिससे उपभोक्ता को यह लग रहा है कि राशन दुकानदार उन्हें बिना किसी कारण के परेशान कर रहे हैं वही जब पीडीएस विक्रेताओं से इस बारे में पूछा गया तो उनके द्वारा कहा गया कि सर्वर की समस्याएं लगातार बाधित चल रही है। और इसकी कोई गारंटी नहीं है कि कब सर्वर काम करेगा इसलिए वह उपभोक्ताओं को सही तरीके से यह भी बताने में असमर्थ हैं की उन्हें राशन कब मिलेगा।
सर्वर की समस्याओं के बारे में वह लगातार अधिकारियों को अवगत करा रहे हैं मगर कोई समाधान निकल कर नहीं आ रहा है, माह अक्टूबर 2022 के वितरण चक्र शुरू होने से पहले विभागीय स्तर पर सर्वर को अप टू डेट करने की बात कही गई थी और यह कहा जा रहा था कि सरवर अप टू डेट किया जा रहा है ताकि माह अक्टूबर का वितरण चक्र में कोई व्यवधान उत्पन्न ना हो इसके लिए पॉस मशीन को खोलकर के रखने के लिए कहा गया है लेकिन जैसे ही वितरण चक्र शुरू हुआ परेशानियां फिर एक बार सामने आई और सरवर की समस्या लगातार बनी हुई है।
इसके कारण हमें भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इसके पीछे मुख्य वजह चाहे जो भी रहा हो परेशानी सबसे ज्यादा उपभोक्ताओं को है क्योंकि उन्हें आपने काम धंधा छोड़कर बार-बार राशन लेने के लिए आना पड़ रहा है जिसके कारण हमें भी परेशानी महसूस हो रही है सरकार और विभाग को इस समस्या को समाप्त करने की दिशा में निश्चित रूप से पहल करनी चाहिए ताकि समय से उपभोक्ताओं को राशन मिल सके।