
सीवान में जहरीली शराब से हुई आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत पर नीतीश सरकार में मंत्री संतोश सुमन ने बेतुका बयान दिया है।
संतोश पूर्व सीएम एवं हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के मुखिया जीतनराम मांझी के बेटे हैं। उन्होंने जहरीली शराबकांड से हुई मौतों को छोटी-मोटी घटना बताया है। इससे पहले भी नीतीश सरकार के मंत्री अपने बयानों को लेकर विवादों से घिर चुके हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार के एससी-एसटी कल्याण मंत्री संतोष सुमन ने गया में मीडिया को संबोधित करते हुए सीवान में हुए जहरीली शराबकांड पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि लोगों में इसे लेकर जागरुकता फैलानी चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी समाधान यात्रा में भी शराब के खिलाफ जागरुकता फैला रहे हैं। मगर छोटी-मोटी घटना होती रहती है। लोगों को इससे सबक लेना चाहिए। इसके पीछे जो लोग हैं, उन्हें सरकार दंडित करेगी।
मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि शराबकांड के पीछे बाहर के लोग हैं, जो सप्लाई चेन चला रहे हैं। वे गरीबों के बीच जहर डालने का काम कर रहे हैं। सरकार उन्हें खोजकर सजा देगी। आने वाले समय में बिहार में ऐसे मामले कम हो जाएंगे।
सीवान के महाराजगंज में जहरीली शराब के सेवन के बाद आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि कुछ लोगों का गंभीर हालत में अस्पताल में इलाज चल रहा है। नए साल में राज्य के अंदर जहरीली शराब से मौतों की यह पहली घटना है। इससे पहले दिसंबर में सीवान, सारण समेत अन्य जिलों में जहरीली शराब से 80 लोगों की मौत हुई थी।
जीतनराम मांझी के मंत्री पुत्र के जहरीली शराबकांड पर आए बेतुके बयान के बाद बिहार में सियासी बखेड़ा खड़ा हो सकता है। इससे पहले भी आरजेडी नेता एवं शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस को नफरती ग्रंथ बताने पर विवाद जारी है। दूसरी ओर, मंत्री आलोक मेहता ने भी हाल ही में एक जनसभा में सवर्णों को अपने निशाने पर लेते हुए कहा कि 10 फीसदी आबादी में गिने जाने वाले लोग अंग्रेजों के एजेंट थे। इस पर भी भारी विवाद हो रहा है।