
तरैया, सारण
इस वर्ष मकर सक्रांति 15 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर सक्रांति का शुभ मुहूर्त 15 जनवरी रविवार को हो रहा है। उक्त जानकारी देते हुए आचार्य सुनील कुमार तिवारी ने बताया कि सूर्य जिस राशि पर संचार कर रहे होते हैं और उसे छोड़कर जब दुसरी राशि में प्रवेश करते हैं उस काल को संक्रान्ति कहते हैं। जिस वार को सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं वही वार सौर मास का प्रथम दिन होता है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार सूर्योदय से सूर्योदय तक के काल को वार कहा जाता है। शास्त्र निर्देश एवं भारतीय ज्योतिष सिद्धान्तानुसार संक्रान्ति प्रवेश चाहे प्रात: काल हो, मध्याह्न, सायं, अर्द्ध रात्रि या अर्द्ध रात्रि के बाद ही क्यों न हो सौर मास का प्रथम दिन वही माना जायेगा। लेकिन संक्रान्ति के स्नान-दान के पुण्य- काल का नियम भिन्न है। संक्रान्ति प्रवेश से 16घड़ी पहले और 16घड़ी बाद तक संक्रान्ति पुण्यकाल सर्वमान्य है। मुहूर्त चिन्तामणि के अनुसार
“संक्रान्ति कालादुभयत्र नाडिका: पुण्या षोडश शोडशोऽगणे:”
अर्थात यदि अर्द्धरात्रि के पहले संक्रान्ति- प्रवेश हो तो उसी दिन मध्याह्न बाद, यदि अर्द्ध रात्रिके बाद संक्रान्ति प्रवेश हो तो दूसरे दिन मध्याह्न तक पुण्य काल होता है।
“निशीथतोऽर्वागपरत्र संक्रमे पूर्वापराहान्तिमपूर्व भागयोन:।”(मु.चि.)
“प्रदोष वार्धरात्रे वा स्नानं दानं परेऽहनि” के अनुसार 15 जनवरी 2023 को ही खिचड़ी पर्व को गंगा स्नान, तीर्थ जल से स्नान अभाव मे स्नान के समय गंगादि तीर्थों का स्मरण, तिलों से हवन, तिल युक्त पदार्थ का दान, सूर्याष्टक- स्तोत्र का पाठ, विभिन्न पंचांगों का दान, विद्यार्थियों को पुस्तक दान कर ब्राह्मणों को क्षीरसहित भोजन- वस्त्र- फल- काले कम्बल आदि का दक्षिणा सहित दान कर विशेष माहात्म्य का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। श्री संवत् 2079 सन् 2023 माघ कृष्णपक्ष की सप्तमी /अष्टमी शनिवार हस्त /चित्रा नक्षत्र के रात्रि लगभग 3 बजे वृश्चिक लग्न मे प्रवेश करनेवाली यह वारानुसार राक्षसी नामावली सूर्य की संक्रान्ति श्रमजीवी, निर्धन परिवार, जनजाति, व्यवसाय हीन समुदाय के लिये मनोत्साह वर्धक
नक्षत्रानुसार मंदाकिनी नामक यह संक्रान्ति राजनेताओ, राजपत्रित अधिकारीगण, ठेकेदारों, नीति निदेशकों, जनप्रतिनिधियों के लिए सुखद तथा भ्रष्टाचार में लिप्त, आतंकवादी, हिंसा फैलाने वालों के लिए कष्टकारी होगा। वृष,मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, धनु और कुम्भ राशि वालों के लिए शुभ शेष के लिए अशुभ है।