सिलीगुड़ी के निकट एनजेपी क्षेत्र में राजधानी एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से टकराते टकराते बची है। दोनों ही ट्रेन एक ही लाइन पर आ गई थी। राजधानी एक्सप्रेस के लोको पायलट की तत्परता से एक बड़ी दुर्घटना टल गई है।
हालांकि अचानक ब्रेक लगाने के कारण कुछ यात्री अपनी सीट से गिर गए और उनमें दहशत का माहौल बना रहा।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में ऐसा पहली बार नहीं है कि ऐसा हादसा हुआ, इससे पहले वहां कई हादसे हुए हैं। 17 जून को अगरतला से सियालदह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन को एक मालगाड़ी ने न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से करीब 30 किमी दूर टक्कर मार दी थी।
पहले भी हुए हैं कई हादसे
मालगाड़ी ने यात्री ट्रेन को पीछे से टक्कर मारी। इस हादसे में अभी तक 15 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं 60 लोग घायल बताए गए थे। अधिकारी के अनुसार मालगाड़ी के चालक ने सिग्नल की अनदेखी की और कंचनजंगा ट्रेन के पिछले हिस्से से टकरा गई।
कंचनजंगा कोच के पास दो पार्सल वैन और गार्ड कोच हैं। हादसे के बाद एनडीआरएफ, डिवीजनल टीम और 15 एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई थीं।
2002 में भी हुआ था रेल हादसा
बता दें कि साल 2002 में भी एक भयानक हादसा हुआ था। कलकत्ता से नई दिल्ली जा रही लग्जरी राजधानी एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे उफनती धाबी नदी में गिर गई थी। जिसमें कम से कम 120 लोगों की जान गई थी। इसके अलावा देश में ऐसी कई रेल घटनाएं हैं, जो आए दिन सुनाई देती हैं।