सारण पानापुर
लोक आस्था का महापर्व उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। हर साल छठ महापर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है। छठ पर्व की शुरुआत 17 नवंबर को नहाए-खाय के साथ हुई थी। 18 को छठ पर्व का दूसरा दिन खरना मनाया गया। उसके बाद 19 को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया। 20 को सुबह यानि आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महा पर्व छठ पूजा संपन्न हो गया।
सिर पर पूजा सामग्री से भरा बांस का विशाल टोकरा तथा हाथ में गन्ने व अन्य फल-फूल लेकर छठ घाटों की तरफ भर रही भीड़ छठ पूजा को लेकर श्रद्धालुओं में पवित्र उत्साह देखने को मिला। वहीं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद रही
उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का समापन हो गया। उगते सूर्य की उपासना के बाद छठ व्रतियों ने पारण कर 36 घंटे का निर्जला उपवास तोड़ा।
प्रखंड के मथुरा धाम, कोंध, रामपुररूद्र, भोरहाँ डाकबंगला, सारंगपुर, बसहिया सहित अन्य छठ घाट पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। प्रखंड के सभी गावों में छठ पूजा शांतिपूर्वक और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।