
छपरा / मढ़ौरा।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग की अदालत ने सोमवार को एक सनसनीखेज मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने एल.बी. आरोग्य स्वास्थ्य निकेतन, मढ़ौरा की महिला स्वास्थ्य कर्मचारी अभिलाषा कुमारी को दोषी करार देते हुए 5 साल का सश्रम कारावास और जुर्माने की सज़ा सुनाई है।
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⚖️ अदालत का फैसला
न्यायालय ने अभिलाषा कुमारी को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 118(2) (गंभीर चोट पहुँचाना) के तहत 5 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹5,000 का जुर्माना लगाया।
जुर्माना नहीं भरने पर उन्हें 6 माह की अतिरिक्त सज़ा भुगतनी होगी।
इसके अलावा, धारा 126(2) (चोरी) के तहत 1 माह की सज़ा और ₹1,000 का जुर्माना भी लगाया गया है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि दोनों सज़ाएँ साथ-साथ चलेंगी।
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😱 यह था पूरा मामला
यह मामला मढ़ौरा थाना कांड संख्या 364/24 (सत्रवाद संख्या 903/24) से जुड़ा है।
मढ़ौरा निवासी वेद प्रकाश उर्फ विकास सिंह ने 2 जुलाई 2024 को पुलिस को दिए अपने बयान में बताया था कि 1 जुलाई की सुबह करीब 10:30 बजे जब वह बाजार जा रहे थे, तो अस्पताल के पास उन्हें चक्कर और उल्टी जैसा महसूस हुआ।
उन्होंने एल.बी. आरोग्य स्वास्थ्य निकेतन अस्पताल में मौजूद कर्मचारी अभिलाषा कुमारी को अपनी तबीयत खराब होने की बात बताई। महिला स्वास्थ्यकर्मी ने उन्हें बेड पर आराम करने को कहा और एक इंजेक्शन लगा दिया।
इसके बाद पीड़ित को कुछ याद नहीं रहा।
होश आने पर उन्होंने खुद को छपरा सदर अस्पताल में पाया, जहाँ परिजनों ने बताया कि महिला स्वास्थ्यकर्मी ने उनका प्राइवेट पार्ट (लिंग) काट दिया, साथ ही सोने की चैन और मोबाइल भी गायब थे।
गंभीर हालत में पीड़ित को बाद में पटना रेफर किया गया।
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👩⚖️ तेरह गवाहों की गवाही, अभियोजन पक्ष ने पेश किया पुख्ता सबूत
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक सर्वजीत ओझा और सहायक अधिवक्ता सुभाष चंद्र दास ने पैरवी की।
न्यायालय में डॉक्टर और अनुसंधानकर्ता सहित 13 गवाहों की गवाही कराई गई।
पुलिस ने 2 अगस्त 2024 को चार्जशीट दाखिल की थी, जिसके बाद मामला सत्रवाद न्यायालय में चला।
अंततः न्यायालय ने सबूतों के आधार पर महिला स्वास्थ्यकर्मी को दोषी ठहराते हुए सज़ा सुनाई।
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⚡ अदालत का संदेश
न्यायाधीश ने कहा कि यह मामला समाज में मानवता को झकझोरने वाला अपराध है, और ऐसे अपराधियों को कड़ी सज़ा देकर ही समाज में डर का माहौल बनाया जा सकता है।