बिहार सरकार प्रदेश के सभी 534 अंचलों के 45 हजार 862 गांवों में जमीन का विशेष सर्वेक्षण कर रही है। जमीन सर्वेक्षण को लेकर कई लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। जो लोग बिहार में मौजूद हैं वो इस सर्वे के दौरान खुद भी वहां रहेंगे तो जाहिर है उन्हें परेशानी कम होगी।
लेकिन जो लोग बिहार से बाहर नौकरी करते हैं उनके लिए भी बिहार सरकार की तरफ से विशेष इंतजाम किया गया है। भूमि सर्वेक्षण के लिए ऑफलाइन के अलावा ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। हम अपनी इस रिपोर्ट में आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे।
आपको बता दें कि जिस पंचायत में जमीन का सर्वे होना है वहां पहले ग्राम सभा होगी। इस ग्राम सभा में किसान या रैयत को यह पूरी जानकारी दी जाएगी कि उन्हें जमीन पर अपना मालिकाना हक साबित करने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज तैयार रखने होंगे। जो भी दस्तावेज सर्वे के दौरान लिया जाएगा वो ऑनलाइन ही लिया जाएगा ताकि बाद में कोई परेशानी ना हो।
यूं करें ऑफलाइन आवेदन
ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आपको अपने जिले में लगे शिविर में जाना होगा। आवेदन के वक्त जमीन से संबंधित सभी कागजात और सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भी भरकर देना होगा। जो भी जमीन मालिक अपने जमीन का सर्वे कराना चाहते हैं वो अपने प्रखंड या ब्लॉक कार्यालय में जाकर वहां के राजस्व कर्मचारी से जमीन के सर्वे के लिए आग्रह कर सकते हैं। इसके लिए उनके पास सभी दस्तावेज उपलब्ध होना चाहिए।
ऑनलाइन आवेदन का तरीका समझ लीजिए
बिहार में कई ऐसे लोग हैं जो राज्य से बाहर नौकरी या व्यवसाय या अन्य कार्य करते हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने उनकी जमीन के सर्वेक्षण के लिए ऑनलाइन आवेदन का भी विकल्प दिया है। ऑनलाइन सर्वे के लिए आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने मोबाइल के प्ले स्टोर से Bihar Survey Trader नाम के ऐप को आप डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा आप भूमि सुधार विभाग की वेबसाइट पर भी जाकर आवेदन कर सकते हैं।
जमीन सर्वे के लिए क्या करना होगा?
जमीन के सर्वे के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, इस दौरान इन नियमों को पालन करना होगा. वहीं, सर्वे के वक्त कुछ कागजात तैयार रखने होंगे, जिस इस तरह हैं.
जमीन की रसीद (किसी के भी नाम हो)
रजिस्ट्री की कॉपी
जमीन का नक्शा
जमीन के लिए सेल्फ डेक्लेरेशन पत्र देना होगा.
मृत जमाबंदी रैयत की मृत्यु तिथि/मृत्यु प्रमाण पत्र
जमाबंदी संख्या की विवरणी/मालगुजारी रसीद संख्या वर्ष के साथ
खतियान का नकल (यदि उपलब्ध हो)
दावाकृत भूमि से संबंधित दस्तावेजों की विवरणी
अगर सक्षम न्यायालय का आदेश हो तो आदेश की ओरिजिनल कॉपी
आवेदनकर्ता या हित अर्जन करने वाले का यानी मृतक का वारिस के संबंध में प्रमाण पत्र (आप सही वारिस हैं, आप ही के नाम पर जमीन होनी चाहिए. उसके लिए प्रमाण पत्र देना है.)
आवेदनकर्ता के आधार कार्ड की फोटो कॉपी
आवेदनकर्ता के वोटर आईडी कार्ड की कॉपी
जमीन की रसीद, रजिस्ट्री, नक्शा औऱ डेक्लेरेशन पत्र का सैंपल जैसे डॉक्यूमेंट्स ऑनलाइन भी निकाले जा सकते हैं. वहीं, जिले में लगे शिविर में जाकर ऑफलाइन भी ये सारे काम करवाए जा सकते हैं. आवेदन के रूप में फॉर्म भरने पर इन कागजातों को अटैच करना होगा.
सर्वे से जुड़े अफवाहों से बचें
जमीन सर्वे को लेकर कई मिथ भी हैं. बता दें कि यह जमीन छीनने की कोई प्रक्रिया नहीं है. इसमें कोई झोलझाल भी नहीं होगा, बल्कि जो झोलझाल पहले से था, यह उसको खत्म करने की प्रक्रिया है. यह इसलिए किया जा रहा है कि जमीन जिसकी भी है, उसकी बनकर रहे. इसका उद्देश्य है कि जमीन सही व्यक्ति के पास चली जाए. इसके साथ ही जमीन विवाद के सारे मसले भी खत्म हो जाएंगे.