सारण डेस्क:- एमएलसी चुनाव में सारण सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार सच्चिदानंद राय चुनाव जीत गये. उन्होंने भाजपा के धर्मेंद्र कुमार सिंह और राजद के सुधांशु रंजन पांडे को चुनावी मात देकर एक बार फिर से विधान परिषद जाने के रास्ता साफ कर लिया.
बीजेपी ने धर्मेंद्र कुमार सिंह को दिया था टिकट : बता दें कि सारण में स्थानीय प्राधिकार एमएलसी इंजीनियर सच्चिदानंद राय के टिकट को बीजेपी ने काट कर भारतीय जनता पार्टी ने धर्मेंद्र कुमार सिंह को मौका दिया था. टिकट कटने पर सच्चिदानंद राय ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी का समर्थन तो प्राप्त नहीं होगा लेकिन बीजेपी का डीएनए लेकर मैं निर्दलीय पर्चा भरने जा रहा हूं. दोनों पार्टियों ने अयोग्य लोगों को टिकट दिया है, चाहे आरजेडी हो या बीजेपी.
सच्चिदानंद राय ने एलान कर फेसबुक पोस्ट लिखा था- “याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष बड़ा भीषण होगा. 14 मार्च दिन सोमवार को सारण जिले से विधान परिषद स्थानीय निकाय चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रुप मे नामांकन करने जा रहा हूं. आप सभी शुभचिंतक बंधुओं से करबद्ध निवेदन है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंच कर इस पुनीत अवसर अपना आशीर्वाद प्रदान करने का कष्ट करें.”
2019 लोकसभा चुनाव में भी बने थे बागी: इससे पहले भी कई बार राय बागी रुख अख्तियार कर चुके है. 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त भी सच्चिदानंद राय बागी हुए थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में महराजगंज संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मन बना लिया था लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेताओं द्वारा समझाए जाने पर वो मान गए थे. जिसके बाद एक बार फिर एमएलसी चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया.
संभावनाओं को सफलता में परिवर्तित करते हुए सच्चिदानंद राय ने निर्दलीय जीत हासिल करके अपनी लोकप्रियता और जन स्वीकार्यता का लोहा मनवाया. इतना ही नहीं उनकी जीत से भाजपा को भी झटका लगा है जिसने अपने संस्थापक साथियों में प्रमुख रहे सच्चिदानंद राय को टिकट से बेदखल कर दिया था