छपरा, सारण
तरैया प्रखंड क्षेत्र के सभी आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं द्वारा अपनी पांच सुत्री मांगो को लेकर 29 सितम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। इस कड़ी में मंगलवार को तरैया की सभी आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं ने प्रखंड कार्यालय तरैया के परिसर में मंगलवार को धरना-प्रदर्शन किया। यह हड़ताल बिहार राज्य संयुक्त संघर्ष समिति (एटक ग्रुप) के बैनर तले चल रहा है। हड़ताल के बारहवें दिन बिहार राज्य एटक समिति के महासचिव विंदेश्वर सिंह, सेविका सहायिका संघ की जिलाध्यक्ष पुष्पा मिश्रा, संयोजक मणिकांत सिंह सम्मिलित हुए। इस दौरान बिहार राज्य एटक समिति के महासचिव विंदेश्वर सिंह ने कहा कि सरकार के द्वारा जब तक सेविकाओं एवं सहायिकाओं की पांच सूत्री मांगों को नहीं मान लिया जाता तब हड़ताल लगातार जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा की देश के अन्य राज्यों में सेविकाओं की मानदेय में कुल राशि में राज्य सरकार की सहभागी पांच हजार है तो यही बिहार सरकार मानदेय के रूप में केवल 1450 रुपये देती है। बिहार में कुल मानदेय 5950 रुपये बिहार सरकार की सहभागिता 1450 रुपये है, तो वहीं केन्द्र सरकार की सहभागिता 4500 सौ मिलाकर केवल 5950 रूपये दिए जाते हैं। अन्य राज्यों के अपेक्षा बिहार राज्य में सेविका सहायिका से अधिक काम भी लिया जाता है। यानि की जन्म से लेकर मृत्यु तक सेविकाओं को ही काम करना पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि आज सेविका सहायिकाओं की मजदूरी, अन्य काम करने वाले लोगों के अपेक्षा बहुत ही कम है। सभी सेविकाओ के द्वारा समेकित बाल विकास परियोजना कार्यालय के समक्ष सरकार विरोधी नारे लगाया गया। हड़ताल का नेतृत्व कर रही सेविका संघ की प्रखंड अध्यक्ष नयन कुमारी एवं अन्य सेविकाओं ने कहा कि सरकार सेविकाओ को छलने का काम कर रही है। चुनाव पूर्व मानदेय वृद्धि का केवल झुठा आश्वासन दिया जाता है। जबकि सेविकाओ से न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय देकर पोलियो, इंद्रधनुष अभियान सहित अन्य कार्य कराकर मानसिक और शारीरिक शोषण किया जाता है। हड़ताली सेविकाओ की मांग है कि सरकार को कम से कम प्रोत्साहन राशि 10 हजार रुपए, राज्य कर्मी का दर्जा और ग्रेच्युटी देना होगा, जब तक सरकार सेविकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं देती है तो कम से कम सेविकाओं को 25 हजार एवं सहायिका को 18 हजार रुपए प्रति माह मानदेय प्रदान करें। सेविकाओं का कहना था कि 16 मई 2017 एवं 20 जुलाई 2022 के समझौते के आलोक में सरकार लंबित मांगों को लागू करे। धरना प्रदर्शन मे मुख्य रूप से सेविका रीना देवी, रूबी कुमारी, ममता कुमारी, इंदू देवी, पूनम देवी, रीता देवी, मालती देवी, किरण देवी, शोभा देवी, अणु कुमारी, ललिता देवी, प्रभावती देवी, तारा खातून, दिनेश सिंह, अशोक पाठक, मुकेश सिंह सहित अन्य लोग शामिल थे।