
छपरा। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को सारण जिले में रविवार को बड़ा झटका लगा, जब पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष दीपक कुमार सिंह समेत 128 पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। इस सामूहिक त्यागपत्र से जिले में पार्टी की संगठनात्मक स्थिति कमजोर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
जिले के 16 प्रखंड अध्यक्ष समेत पूरी महानगर इकाई ने छोड़ा साथ
जानकारी के मुताबिक, इस्तीफा देने वालों में सारण जिला कमेटी के 28 पदाधिकारी, जिले के 20 में से 16 प्रखंड अध्यक्ष, पूरी महानगर इकाई, संसदीय बोर्ड के तीन सदस्य, महिला मोर्चा के 19 में से 11 पदाधिकारी, और छपरा महानगर के 20 वार्ड अध्यक्ष शामिल हैं।
इस्तीफा देने वाले प्रखंड अध्यक्षों में सोनपुर, दिघवारा, दरियापुर, परसा, अमनौर, मकेर, तरैया, बनियापुर, मढ़ौरा, एकमा, पानापुर, छपरा सदर, रिविलगंज और इसुआपुर के अध्यक्षों के नाम प्रमुख हैं।

महिला मोर्चा भी बंटी, जिलाध्यक्ष ने भी छोड़ा पद
महिला मोर्चा में भी इस इस्तीफे की गूंज सुनाई दी, जहां 19 में से 11 पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया। खास बात यह है कि इनमें महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष भी शामिल हैं। इससे स्पष्ट है कि पार्टी के विभिन्न स्तरों पर असंतोष व्याप्त था, जो एक साथ सामने आ गया।
स्थानीय राजनीति में हलचल, पार्टी के लिए बड़ा झटका
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सामान्यत: पार्टी से कुछ नेताओं के इस्तीफे आते रहते हैं, लेकिन एक साथ इतने बड़े स्तर पर नेताओं का त्यागपत्र संगठन की कार्यशैली और आंतरिक स्थिति पर सवाल खड़े करता है।
सारण में लोजपा (रा.) पहले से ही विपक्षी दलों के दबाव में काम कर रही थी, ऐसे में संगठन के इतने बड़े हिस्से का अलग होना आने वाले चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।

पहले भी खगड़िया में हुआ था सामूहिक इस्तीफा
यह पहला मौका नहीं है जब लोजपा (रा.) को इस तरह के सामूहिक इस्तीफे का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले खगड़िया जिले में 38 नेताओं के इस्तीफे की खबर आई थी। उस समय लोजपा (रा.) के प्रदेश सचिव डॉ. पवन जायसवाल और नवनियुक्त जिलाध्यक्ष मनीष कुमार ने प्रेस वार्ता कर बताया था कि इन 38 में से 28 नेता उनके साथ हैं और उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के प्रति निष्ठा जताई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव और कुछ अन्य लोगों द्वारा भ्रामक खबर फैलाई गई थी।
सारण में इस्तीफे के पीछे कारण पर चुप्पी
सारण में इस्तीफा देने वाले नेताओं ने अभी तक मीडिया के सामने खुलकर कारण नहीं बताया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि संगठन के अंदर गुटबाजी, कार्यकर्ताओं की अनदेखी और निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी जैसे मुद्दे लंबे समय से असंतोष का कारण बने हुए थे।
अंदरूनी तौर पर यह भी कहा जा रहा है कि आगामी चुनावों में टिकट बंटवारे और स्थानीय नेतृत्व में बदलाव को लेकर असहमति चरम पर थी, जिसके चलते नेताओं ने एक साथ पार्टी छोड़ने का फैसला किया।