
पटना (ब्यूरो रिपोर्ट): यदि आप वाहन चला रहे हैं या आपके नाम पर वाहन पंजीकृत है, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। बिहार में अब ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर जारी होने वाले ई-चालान को समय पर जमा नहीं करने पर आपकी मुसीबत बढ़ सकती है। बिहार पुलिस के एडीजी (यातायात) सुधांशु कुमार ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि अगर ई-चालान की राशि 90 दिनों (तीन माह) के भीतर जमा नहीं की गई, तो संबंधित ड्राइविंग लाइसेंस (DL) या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) को तीन महीने के लिए रद्द कर दिया जाएगा।
🚨 अब लापरवाही नहीं चलेगी: जुर्माने की राशि समय पर जमा करें
एडीजी ने कहा कि आए दिन देखने में आता है कि वाहन चालक चालान कटने के बावजूद उसे महीनों तक नहीं भरते हैं। यह रवैया न केवल ट्रैफिक व्यवस्था को बाधित करता है, बल्कि कानून की अवहेलना भी करता है। ऐसे मामलों पर नियंत्रण के लिए अब सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चालान की राशि को ई-चालान पोर्टल या परिवहन विभाग की अधिकृत वेबसाइट पर ऑनलाइन भुगतान के जरिए 90 दिन के भीतर जमा किया जा सकता है। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो संबंधित व्यक्ति के लाइसेंस या वाहन का पंजीकरण अगले तीन माह के लिए स्वतः निलंबित मान लिया जाएगा।
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📌 MVI पोर्टल पर वाहन से जुड़ी जानकारी अपडेट करना भी अनिवार्य
एडीजी सुधांशु कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी वाहन मालिकों को अपने वाहन से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी MVI (Motor Vehicle Inspector) पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपडेट करनी होगी।
यदि वाहन से संबंधित डिटेल्स — जैसे इंश्योरेंस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, फिटनेस, आदि — पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई हैं, तो ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी को नियमों के तहत रद्द किया जा सकता है। यह प्रक्रिया भी नियत समय के भीतर पूरी की जानी आवश्यक है।
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🧾 शिकायत करने की सुविधा भी दी गई है
ई-चालान को लेकर यदि किसी वाहन स्वामी को कोई आपत्ति है या उन्हें लगता है कि चालान गलत तरीके से जारी हुआ है, तो वे 90 दिनों के भीतर संबंधित जिला परिवहन कार्यालय (DTO) जाकर “शिकायत निवारण प्राधिकरण” में अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
ADG ने बताया कि नियमानुसार शिकायत दर्ज होने के बाद प्राधिकरण उस चालान की जांच करेगा, और यदि आपत्ति सही पाई जाती है, तो उसे निरस्त कर दिया जाएगा। लेकिन यदि वाहन स्वामी जांच में दोषी पाए जाते हैं, तो उनसे जुर्माने की पूरी राशि वसूली जाएगी।
ध्यान देने वाली बात यह है कि 90 दिनों के बाद की गई शिकायत को मान्यता नहीं दी जाएगी, यानी देरी करने पर शिकायत खारिज मानी जाएगी।
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📣 क्या हो सकते हैं इसके प्रभाव?
इस नियम के लागू होने के बाद:
चालान जमा न करने वालों के लाइसेंस और आरसी पर सीधा असर पड़ेगा।
वाहन की बिक्री, बीमा नवीनीकरण, या बैंक से लोन लेने में बाधा आ सकती है।
लाइसेंस रद्द होने पर वाहन चलाना गैरकानूनी हो जाएगा, और नया चालान/कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
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✅ आम जनता को क्या करना चाहिए?
1. यदि आपके वाहन पर कोई चालान लंबित है, तो उसे जल्द से जल्द जमा करें।
2. अपने वाहन की सभी जानकारी (इंश्योरेंस, पॉल्यूशन, फिटनेस आदि) MVI पोर्टल पर अपडेट करें।
3. ई-चालान को लेकर यदि कोई संदेह या समस्या है, तो 90 दिन के भीतर DTO कार्यालय जाकर लिखित शिकायत जरूर दर्ज कराएं।
4. अपनी गाड़ी किसी और को देते समय यह सुनिश्चित करें कि वह ट्रैफिक नियमों का पालन करे, क्योंकि ई-चालान गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर पर जारी होता है।
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🔚 निष्कर्ष:
यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और ट्रैफिक नियमों के पालन को अनिवार्य करने की दिशा में बिहार सरकार और परिवहन विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब ट्रैफिक नियम तोड़ने के बाद सिर्फ चालान कटवाना ही नहीं, बल्कि उसे समय पर भुगतान करना भी कानूनी रूप से अनिवार्य हो गया है।
लाइसेंस और आरसी रद्द होने जैसी कठोर कार्रवाई से बचने के लिए हर वाहन मालिक और चालक को समय रहते सतर्क होना पड़ेगा।