प्रशासन के उदासीन रवैये से बाढ़पीड़ितों में आक्रोश
सारण पानापुर
नेपाल द्वारा वाल्मीकिनगर बराज से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी से रौद्र रूप धारण किए गंडक का जलस्तर रुकने का नाम ही नही ले रही है जिससे बाढ़पीड़ितों की परेशानियों का दौर बदस्तूर जारी है। अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है।
मंगलवार की सुबह से ही गंडक के जलस्तर में उतार चढ़ाव का दौर जारी है। मंगलवार की सुबह गंडक के जलस्तर में मामूली कमी देखी गई लेकिन दोपहर होते होते एकबार फिर नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है जिससे सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे पृथ्वीपुर, सोनवर्षा, बसहिया, भोरहा, रामपुररुद्र 161 आदि गांवों में स्थित सैकड़ो बाढ़पीड़ितों की समस्या कम होने का नाम नही ले रही है।
किसान अपने मवेशियों के साथ सारण तटबंध पर शरण लेने को मजबूर हैं वही पशुपालकों के समक्ष चारे की समस्या उत्पन्न हो गई हैं। सारण तटबंध से पानापुर प्रखंड के रामपुररुद्र एवं तरैया प्रखंड के सगुनी गांव को जोड़नेवाली मुख्य सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे इन गांवों के सैकड़ों परिवारों का सड़क संपर्क टूट गया है।
प्रशासन द्वारा बाढ़ से घिरे लोगो के लिए मात्र दो नावें उपलब्ध कराई गई है। जो नाकाफी साबित हो रहा है। प्रशासनिक स्तर पर कोई सुविधा उपलब्ध नही कराए जाने से बाढ़पीड़ितों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। इस संबंध में पूछे जाने पर सीओ अभिजीत कुमार ने अजीबोगरीब बयान दिया। उन्होंने कहा कि चार दिन पहले ही लोगो को सुरक्षित एवं ऊंचे स्थान पर शरण लेने की सलाह दी गई थी। लोग घरबार नही छोड़ना चाहते तो इसमें प्रशासन का क्या दोष!
इस बीच जल संसाधन विभाग के कर्मी, अंचलकर्मी एवं चौकीदारों द्वारा सारण तटबंध की सतत निगरानी की जा रही है। जल संसाधन विभाग के एसडीओ कमलेश कुमार ने बताया कि सारण तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है।